बादलों की बेरूखी से आषाढ़ में जेठ जैसा एहसास, बारिश के लिए करना होगा इंतजार

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कानपुरः राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में मानसून इस बार थोड़ी देर से आया। पर आसमान में उमड़ते-घुमड़ते काले बादलों को देख लोगों ने जरूर राहत की सांस ली थी। लेकिन कुछ दिन हल्की बारिश होने के बाद बादलों ने एक बार फिर अपना मुंह मोड़ लिया। जिसे फिर प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में आया है। सुबह से ही तेज धूप होने के चलते आषाढ़ के मौसम में भी जेठ जैसी गर्मी का एहसास हो रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की टर्फ रेखा मध्य प्रदेश और राजस्थान के आसपास बनी हुई है। इससे राजधानी लखनऊ सहित आसपास के जनपदों में मानसून कमजोर हो गया है और उमस भरी गर्मी से लोग हलकान हो रहे हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि अभी तीन दिन बारिश के आसार नहीं है। हालांकि स्थानीय स्तर पर वातावरण में नमी होने से बूंदाबांदी हो सकती है। चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि उत्तर प्रदेश में बीते पांच दिनों से मानसून कमजोर हो गया है। इसके चलते पूरे उत्तर प्रदेश में गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा है। 10 जुलाई के बाद मानसून के फिर से सक्रिय होने के आसार बन रहे हैं। हालांकि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।

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मानसून की टर्फ रेखा इन दिनों राजस्थान और मध्य प्रदेश के आसपास बनी हुई है। इससे वहां पर बारिश हो रही है, लेकिन कानपुर सहित मानसून पूरी तरह से कमजोर हो गया है। संभावना है कि हवाओं की दिशाएं बदलने से 10 जुलाई के बाद कानपुर के आसपास फिर से मानसून सक्रिय हो जाएगा। इस दौरान कहीं तेज धूप तो कहीं आसमान में काले बादल छाएं रहेंगे। तापमान भले ही सामान्य से एक या दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहता हो लेकिन वातावरण में नमी होने के चलते लोगों को 42 डिग्री सेल्सियस के बराबर उमस भरी गर्मी महसूस हो रही है।

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