भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट पार्क से 10 चलित दीनदयाल रसोई केंद्रों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये चलित सेंटर भोपाल शहर के उन स्थानों पर जाकर श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद लोगों को पांच रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराएंगे जहां ऐसे लोग काम करते हैं, जिन्हें ठीक से भोजन नहीं मिल पाता है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी चलित सेंटर संचालित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय गरीबों को भगवान मानते थे। उनका मानना था कि यदि आपने गरीबों की सेवा की तो यह माना जाएगा कि आपने भगवान की पूजा की है। पं.दीनदयाल जी के इसी मंत्र को स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश में दरिद्र नारायण की सेवा के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है दीनदयाल रसोई योजना।
गरीबों को भोजन देना मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस योजना को प्रारंभ करने के दो मुख्य उद्देश्य हैं। एक तो यह कि गरीबों को रियायती दरों पर भोजन मिल सके, दूसरा यह कि प्रवासी श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को उनके कार्यस्थल के पास ही भरपेट भोजन की सुविधा मिल सके। इस व्यवस्था से ऐसे मजदूर जो गांव से शहर जीविकोपार्जन के लिए आते हैं, उन्हें बिना ज्यादा पैसा और समय खर्च किए अपने कार्यस्थल पर ही ताजा भोजन मिल सकेगा। पहले संचालन केंद्र एक ही स्थान पर होते थे। चलित रसोई केंद्र केवल 5 रुपये की कीमत पर भोजन उपलब्ध कराएंगे। जब श्रमिक भोजन के लिए अन्य स्थानों पर जाते थे, तो उनकी मजदूरी भोजन पर खर्च हो जाती थी। मजदूर अपनी मेहनत की कमाई सिर्फ खाने पर खर्च कर देते थे। मध्य प्रदेश सरकार ने योजना के तहत प्रति व्यक्ति 10 रुपये की दर से अनुदान देने की व्यवस्था की है।
योजना पर एक नजर
यह योजना राज्य में 7 फरवरी 2017 को जिला मुख्यालयों और 6 प्रमुख धार्मिक स्थलों सहित 56 स्थानों पर संचालन के साथ शुरू की गई थी। वर्तमान में यह योजना 166 स्थानों पर संचालित की जा रही है। योजना के तहत प्रदेश में 225 लाख भोजन थालियां वितरित की जा चुकी हैं। राज्य में 25 चलित रसोई केंद्र शुरू किये गये हैं। चलित सेंटर की लागत 25 लाख रुपये है। इसमें खाना बनाने और गर्म खाना रखने के आधुनिक उपकरण भी होंगे।
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इन केंद्रों पर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक 5 रुपये प्रति थाली की दर से भोजन वितरित किया जाता है। प्रदेश के 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले जिन शहरों में चलित केन्द्र प्रारंभ किये गये हैं उनमें भोपाल में 3, इंदौर में 4, जबलपुर एवं ग्वालियर में दो-दो चलित रसोई केन्द्र शामिल हैं। शेष 12 नगर निगमों एवं दो औद्योगिक नगरों पीथमपुर एवं मण्डीदीप में एक-एक चलित रसोई केन्द्र का संचालन प्रारंभ किया गया है। 20 हजार से अधिक आबादी वाले 68 शहरी निकायों में जल्द ही ऐसे रसोई केंद्र शुरू करने की योजना है। चलित सेंटर हीटर, मिक्सर, ग्राइंडर जैसे आधुनिक उपकरणों से भी सुसज्जित हैं, जो भोजन तैयार करने और उसे गर्म रखने में उपयोगी हैं। आवश्यक बर्तनों की भी व्यवस्था कर ली गई है। विभिन्न क्षेत्रों में वाहनों को भेजने के लिए समय सारिणी बनायी गयी है।
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