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कांवड़ यात्रा के दौरान आखिर क्यों लगाया जाता है बोल बम का नारा, जानें वजह

हरिद्वारः सावन माह भगवान महादेव को अतिप्रिय है और इस माह पूरे विधि-विधान के साथ भोलेनाथ को उनके भक्त मनाते हैं। श्रावण मास में कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है। भक्त कांवड़ में गंगाजल भरकर भगवान भोलेनाथ के द्वार पर पहुंचते हैं और उनका अभिषेक करते हैं। ऐसे में पूरी धर्मनगरी में बम-बम भोले के जयकारे या फिर भगवान भोले शंकर के भजन ही सुनाई देते हैं। जब कांवड़िये गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होते हैं तो कांवड़िये बोल बम जैसे जयकारे लगाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तरह के जयकारे की क्या मान्यता है।

ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक जिस तरह से भगवान हनुमान जी को जब भी शक्ति की आवश्यकता पड़़ती है तो वह जय श्रीराम कहा करते हैं। इस तरह उनमें ऊर्जा का संचार होता है। इसी तरह जब भी कांवडिए स्वयं को थका हुआ महसूस करते हैं या फिर दूसरे कांवड़ियों में जोश भरना होता है तो वह बोल बम, हर-हर महादेव जैसे जयकारे लगाते हैं।

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कांवड़ को कंधे पर रखकर इतनी दूर पैदल नंगे पांव सफर करना आसान नहीं होता है। ऐसे में कई साथियों के हौसले टूट जाते हैं, लेकिन जैसे ही भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाये जाते हैं या फिर भगवान भोलेनाथ के भजन सुनते हैं। तो कांवड़ियों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। इतना ही नहीं कांवड़ ले जाते समय ऐसा भी महसूस होता है कि हमारे साथ एक दिव्य शक्ति चल रही है जो कांवड़ यात्रा कर रहे भक्तों का ध्यान रखती है। इसीलिए बोल बम के जयकारे लगाये जाते हैं।

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