Home आस्था Good Friday 2023: आखिर गुड फ्राइडे के दिन क्यों खायी जाती है...

Good Friday 2023: आखिर गुड फ्राइडे के दिन क्यों खायी जाती है मछली? जानें इसके पीछे की वजह

fish-eaten-on-good-friday

नई दिल्लीः गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का मुख्य त्योहार है। गुड फ्राइडे का पर्व प्रभु ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाए जाने के बाद जी उठने के सम्मान में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे का दिन लेंट के अंत का भी प्रतीक है। इस दौरान ईसाई समुदाय के लोग 40 दिनों का उपवास करते हैं। कुछ लोग गुड फ्राइडे के दिन भी उपवास रखते हैं और शाम के समय उपवास तोड़ते हैं। इस दौरान मांस का सेवन नहीं किया जाता है। बल्कि फल, सब्जियां, दूध, अंडा और मछली का सेवन किया जाता है।

कब मनाया जाता है गुड फ्राइडे?

गुड फ्राइडे का त्योहार इस पवित्र सप्ताह के छठे दिन पड़ता है। इसके बाद ईस्टर का पर्व आता है। लूनर कैलेंडर के मुताबिक पैश्चल फुल मून के बाद पड़ने वाले पहले संडे को ईस्टर मनाया जाता है। इस साल पैश्चल फुल मून पांच अप्रैल को था, इसके अगले सात अप्रैल को गुड फ्राइडे और नौ अप्रैल को ईस्टर मनाया जाएगा।

ये भी पढ़ें..Vaishakh Month 2023: कब शुरू हो रहा है वैशाख माह, जानें इस मास के व्रत और त्योहार

आखिर इस दिन को क्यों कहते हैं गुड फ्राइडे?

बहुत से लोग आश्चर्य करते हैं कि जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था उस दिन को गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है? हालांकि इसके पीछे कई कारण हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ईसा मसीह की मृत्यु कोई सामान्य घटना नहीं थी। एक तरह से यह मानव जाति को मुक्ति दिलाने का एक तरीका था। कई लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन को मूल रूप से गॉड फ्राइज कहा जाता था, जो बाद में गुड फ्राइडे बन गया। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन का नाम उपयुक्त रूप से रखा गया है क्योंकि प्रभु यीशु की पीड़ा अपने अनुयायियों को पाप से बचाने के लिए परमेश्वर की योजना थी।

इस दिन क्यों खाई जाती है मछली?

ईसाई धर्म के लोग इस दिन मांस नहीं खाते और इसकी जगह मछली खाई जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली समुद्र से आती है और इसे मांस से अलग माना जाता है। मछली की आकृति को भी एक गुप्त प्रतीक माना जाता था, जिसकी मदद से ईसाई ऐसे समय में एक दूसरे की पहचान करते थे जब उनके धर्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ईसा मसीह में विश्वास करने वालों में कई मछुआरे भी थे। इसके अलावा पहले के जमाने में मीट को खास डिश माना जाता था। वहीं, मछली न केवल आसानी से उपलब्ध होती थी, बल्कि ज्यादातर लोग इसे खरीद भी सकते थे। इस दिन मछली खाने का एक अन्य कारण यह भी है कि मछली को ठंडे खून वाली माना जाता है, जबकि अन्य मांस गर्म खून वाले होते हैं, जो उपवास करने वाले व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं होता है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version