Uttrakhand News: बीते दिनों आई भीषण आपदा में लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत रोंसाल क्षेत्र में भारी तबाही मची, जिसकी वजह से सड़के और पैदल रास्ता बाधित हो गया। रास्ता बंद होने से जीआईसी दशलेख के शिक्षक और छात्र जान हथेली पर रखकर खतरनाक पहाड़ियों को पारकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। वहीं स्कूल में खाना बनाने वाली महिला रास्ते में गिरकर गंभीर रुप से घायल हो गई जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
छात्रों के लिए स्कूल पहुंचना खतरे से खाली नहीं
विद्यालय की प्रधानाचार्य दीपा टम्टा ने बताया कि, शिक्षकों को आठ किलोमीटर की जानलेवा पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से छात्रों के लिए स्कूल पहुंचना जोखिम भरा हो गया है। विद्यालय में आपदा के दौरान मलबा घुस गया, जिसे शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने मिलकर हटाया, लेकिन अभी भी कक्षाएं पढ़ाई के लायक नहीं बची हैं। आपदा से विद्यालय को भारी नुकसान हुआ है।
शिक्षकों ने मुख्य अधिकारी को भेजा पत्र
शिक्षकों ने अपनी समस्या को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजा है। विद्यालय में पांच अतिथि और चार स्थाई शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 185 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षकों और छात्रों की जान खतरे में है और पहाड़ी पार करते समय कोई भी खाई में गिरकर अपनी जान गंवा सकता है।
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Uttrakhand News: दो दिन के लिए स्कूल बंद के आदेश
इसके साथ ही उन्होंने मांग किया कि, जब तक रास्ते ठीक नहीं हो जाते, विद्यालय को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाए। मामले को गंभीरता से लेते हुए SDM लोहाघाट रिंकू बिष्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर विद्यालय को दो दिन के लिए बंद करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि, स्थिति के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, मार्ग को सही कराने का कार्य चल रहा है।