लखनऊः देश में बदलते मौसम के चलते मौसम वैज्ञानिक भी बारिश की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पा रहे हैं। बेमौसम बारिश ने सभी को हैरत में डाल दिया है। यह जानकारी सीएसए के कृषि मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि बारिश तेज हो या हल्की, आपने महसूस किया होगा कि बारिश के बाद वातावरण में एक मीठी और भीनी-भीनी खुशबू फैल जाती है। बारिश की बूंदों में ऐसा क्या होता है जो ये खुशबू देता है।
जानिए खुशबू का वैज्ञानिक कारण
मौसम विज्ञानी ने बताया कि बारिश की बूंदों में किसी तरह की कोई सुगंध नहीं होती है. दरअसल, जब बारिश की बूंदे धरती पर गिरती हैं और मिट्टी के कणों से मिल जाती हैं, उस समय एक तरह की मीठी और भीनी-भीनी सुगंध आती है। इस गीली गंध को ’पेट्रीकोर’ कहते हैं। पेट्रीकोर शब्द ग्रीक शब्द पेट्रा से लिया गया है, जिसका अर्थ है पत्थर या आइकर।
गंध पानी में घुली ओजोन गैस से आती है
इस मीठी महक का पहला कारण ओजोन है। वैज्ञानिकों के अनुसार वायुमंडल में ओजोन गैस होती है, जिसकी कुछ मात्रा वर्षा के समय पानी में घुल जाती है और सुखद गंध पैदा करती है। ओजोन गैस की गंध लगभग क्लोरीन गैस जैसी होती है।
मिट्टी के जीवाणु दुर्गंध पैदा करते हैं
इस गंध का दूसरा कारण बैक्टीरिया भी बताया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मिट्टी में कुछ अलग तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जिसके कारण बारिश के बाद यह गंध आती है। दरअसल, मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया कई तरह के रसायन बनाते हैं, जिन्हें ’एक्टिनोमाइसेट्स’ कहा जाता है। ये रसायन बारिश के बाद गीली गंध पैदा करते हैं।
तेल स्राव
मौसम विज्ञानी ने बताया कि पेड़-पौधे लगातार तेल का स्राव करते रहते हैं, जब बारिश होती है तो पेड़-पौधों का यह तेल बूंदों के रूप में पूरे वातावरण में फैल जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश, पानी और मिट्टी इस तरह काम करते हैं कि एक अजीब सी गंध या सुगंध आती है। कुछ पौधे वर्षा न होने पर सूख जाते हैं, सूखने पर उनके भीतर उपस्थित तेल बाहर निकल आता है और हवा में गायब हो जाता है। बारिश होते ही यह तेल हवा से निकल जाता है।
यह भी पढ़ेंः-कल आसमान में दिखेगा अलग नजारा, वीनस की चमक से मुकाबला…
नोकार्डिया बैक्टीरिया
वैज्ञानिक के अनुसार इस गीली गंध का नोकार्डिया बैक्टीरिया से गहरा संबंध है। जब बारिश होती है तो मिट्टी में पाए जाने वाले नोकार्डिया बैक्टीरिया मिट्टी के गीली हो जाने पर गैसोमिन नामक रसायन का स्राव करते हैं, जिससे मिट्टी से बदबू आने लगती है।
हवा के बुलबुले से कण
जब बारिश की बूंदें पृथ्वी की झरझरा सतह से टकराती हैं, तो वे बूंदें हवा के छोटे-छोटे बुलबुलों में बदल जाती हैं, जो फटने से पहले ऊपर उठते हैं। ये छोटे-छोटे बुलबुले हवा में मौजूद बहुत छोटे-छोटे कणों को अपने साथ बहा ले जाते हैं, इन कणों को ’एरोसॉल’ कहा जाता है। मीठी और नम खुशबू पैदा करने में एरोसॉल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)