प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटेन से क्यों मांगी माफी?

38
rishi-sunak

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बीते कई दशकों में पार्टी के सबसे खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्र से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मैं हार की ज़िम्मेदारी लेता हूं.” सुनक ने 14 वर्षों के शासन के दौरान कंज़र्वेटिव पार्टी की उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि, ब्रिटेन साल 2010 की तुलना में अधिक समृद्ध और निष्पक्ष है। साथ ही Rishi Sunak ने अपने प्रतिद्वंदी और ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की भी तारीफ़ करते हुए कहा कि, स्टार्मर की सफलताओं को पूरा देश  साझा करेगा।

हार के बाद क्या बोलें Rishi Sunak 

बकिंघम पैलेस ने जानकारी दी है कि, ऋषि सुनक के दिए इस्तीफ़े को स्वीकार कर लिया गया है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी 14 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है बता दें, आम चुनाव में लेबर पार्टी को 412 सीटें मिली हैं जबकि, संसद में बहुमत के लिए 326 सीटों की ज़रूरत होती है।

rishi-sunak

नतीजों के बाद ऋषि सुनक ने और समर्थकों से माफ़ी मांगी थी और कहा कि, इस नतीजे से सीख लेने की ज़रूरत है। साथ ही उन्होनें कहा कि, “आज रात की इस मुश्किल घड़ी में मैं रिचमंड और नॉर्थहेलर्टन संसदीय क्षेत्र के लोगों के प्रति शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने हमें नियमित रूप से समर्थन दिया। मैं दस साल पहले जब यहां आकर बसा था, तभी से आप लोगों ने मुझे और मेरे परिवार को बेशुमार प्यार दिया और हमें यहीं का होने का अहसास कराया। मैं आगे भी आपके सांसद के रूप में सेवा करने को लेकर उत्साहित हूं, ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं अपने एजेंट और टीम को भी शुक्रिया कहता हूं, और मैं अपने विरोधियों को सकारात्मक चुनावी अभियान चलाने की ढेरों शुभकामनाएं देता हूं।

“ब्रिटिश जनता ने आज रात अपना स्पष्ट फ़ैसला सुना दिया है, काफ़ी कुछ सीखने और देखने के लिए है और मैं इस हार की पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं। जो अच्छे और मेहनती कंज़र्वेटिव उम्मीदवार तमाम कोशिशों और स्थानीय स्तर पर काम करने और अपने समुदायों को लेकर प्रतिबद्धता के बावजूद हार गए हैं, उनसे मैं माफ़ी मांगता हूं.” “अब मैं लंदन जाऊंगा, जहां प्रधानमंत्री पद छोड़ने से पहले आज रात आए नतीजों के बारे में और विस्तार से बात करूंगा. मैं आने वाले सप्ताह, महीनों और सालों में आप सभी के साथ ज़्यादा समय बिताने को लेकर उत्साहित हूं, शुक्रिया।”

सत्ता तक कैसे पहुंचे ऋषि सुनक  

साल 2020 में ऋषि सुनक को PM बोरिस जॉनसन ने वित्त मंत्री बनाया था, इसके बाद कोविड 19 महामारी के साथ ही उनकी नियुक्ति हुई थी। उन्होंने नौकरी से निकाले गए लोगों की सहायता के लिए- ईट आउट टू हेल्प आउट योजना की शुरुआत की, इसे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम करने वालों को ध्यान में रख कर लाया गया था। लेकिन कोविड 19 के मामलो में बढ़ोतरी होने से सुनक को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

rishi-sunak

वहीं ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता टैक्स कारणों से भी चर्चा में रहीं। उनका स्थायी पता या डोमिसाइल यूके से बाहर का है। और माना जाता है कि, ऐसा करके उन्होंने ब्रिटेन के बाहर की अपनी संपत्ति पर लाखों डॉलर का टैक्स बचाया। हालांकि, ये जानकारी सामने आने के बाद उन्होनें कहा कि, वो यूके के बाहर से आने वाली आय पर यूके में टैक्स भरेंगी।

ये भी पढ़ें: ब्रिटेन के चुनाव में लेबर पार्टी की प्रचंड जीत, Rishi Sunak ने स्वीकारी हार, जानें तीसरी सबसे बड़ी पार्टी कौन?

क्या थे उनके चुनावी वादे? 

क़र्ज़ घटाना
मंहगाई कम करना
अर्थव्यवस्था को बढ़ाना
NHS में इंतज़ार के समय को कम करना
छोटी नाव से प्रवासियों को आने से रोकना

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)