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किसी भी शुभ कार्य से पूर्व क्यों फोड़ा जाता है नारियल, जानें इसका धार्मिक महत्व

नई दिल्लीः नारियल का हिंदू धर्म में काफी धार्मिक महत्व है। किसी भी पूजा-पाठ या शुभ कार्य को करने से पहले नारियल चढ़ाया जाता है। वहीं कई बार नारियल की बलि भी दी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नारियल का रंग सफेद होता है और पानी चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। शास्त्रों के अनुसार नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है। साथ ही पूजा में नारियल रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में भी नारियल को महत्व दिया गया है। नारियल के बारे में यह भी कहा जाता है कि भगवान को नारियल चढ़ाने से भक्त के सभी कष्ट समाप्त हो जाते है और धन की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही नारियल को प्रसाद के रूप में खाने से शरीर की दुर्बलता भी दूर होती है। यह भी कहा जाता है कि नारियल का पानी छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इसके अलावा घर का वास्तुदोष भी दूर होता है। जानते हैं नारियल का और महत्व।

पूजा से पहले क्यों फोड़ा जाता है नारियल
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है। माना जाता है कि नारियल के बाहरी हिस्से को घमंड का प्रतीक माना जाता है और अंदर के हिस्से को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा नारियल तोड़ने से किसी तरह की परेशानी नहीं आती है, बल्कि सफलता और बरकत मिलती है।

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नारियल का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतरित होते समय मां लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु को अपने साथ लाएं थे। नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसलिए पूजा-पाठ में नारियल का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।

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