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Cyrus Mistry Death: कौन थे सायरस मिस्त्री, जिन्होंने टाटा ग्रुप को दी थी कानूनी चुनौती

मुंबईः मशहूर उद्योगपति व टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की पालघर में सड़क हादसे में मौत हो गई। वे अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। उनके निधन से व्यापार जगत में शोक की लहर है। सायरस मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन थे और उन्हें गु्रप से अचानक हटाये जाने के बाद उनका टाटा ग्रुप से विवाद बढ़ गया था। चार जुलाई 1968 को जन्में सायरस मिस्त्री की पढ़ाई मुंबई में कैथेड्रल एंड जाॅन काॅनन स्कूल में हुई। उन्होंने लंदन के इंपीरियल काॅलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में मास्टर डिग्री हासिल की थी।

कंपनी को पहुंचाया सफलता की नई ऊंचाइयों पर -

शापूरजी पलोनजी ग्रुप का कंस्ट्रक्शन का कामकाज भारत के साथ ही पश्चिम एशिया और अफ्रीका में भी फैला है। इसके अलावा इस गु्रप में यूरेका फोब्र्स, नेक्स्ट जेन, फोब्र्स टेक्टाइल्स जैसी कई कंपनियां हैं। उन्होंने अपनी कंपनी शापूरजी पलोनजी गु्रप को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। सायरस ने 1991 में अपने फैमिली बिजनेस की जिम्मेदारी संभाली और उनके नेतृत्व में कंपनी ने सबसे ऊंचे आवासीय टावर और सबसे लंबा रेलवे पुल बनाया।

टाटा संस से अचानक हटाए जाने पर गए थे कोर्ट-

सायरस मिस्त्री 2012 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर नियुक्त हुए थे, लेकिन 2016 को उनको इस पद से हटा दिया गया था। अचानक पद से हटाए जाने की वजह से उन्होंने कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में अपील की, हालांकि वहां उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद वे कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) गए। दिसंबर 2019 में NCLAT ने उनके पक्ष में फैसला दिया। हालांकि मिस्त्री ने कहा था कि उनके पक्ष में फैसला आने के बाद भी वे दोबारा चेयरमैन के पद पर काबिज नहीं होंगे। हालांकि इस फैसले के बाद रतन टाटा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

परिवार में मां, पत्नी व बेटे-

बता दें कि सायरस मिस्त्री के पिता पलोनजी शापूरजी मिस्त्री का इसी साल 28 जून को निधन हुआ था। सायरस के बाद अब उनके परिवार में उनकी मां पाट्सी पेरिन डुबास, उनकी पत्नी रोहिका व दो बेटे हैं।

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