Nimisha Priya: यमन (Yemen) में काम करने गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मदद के लिए भारत सरकार आगे आई है। सरकार ने मंगलवार को घोषणा की है कि निमिषा प्रिया और उसके परिवार को हर संभव मदद मुहैया कराई जा रही है। दरअसल भारतीय मूल की निमिषा प्रिया को यमन में एक नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है।
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा, “हमें यमन में निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) की सजा के बारे में जानकारी हुई है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद मुहैया करा रही है।” भारत सरकार का यह बयान यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी द्वारा हाल ही में निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दिए जाने के बाद आया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एक महीने के भीतर ही निमिषा को फांसी की सज़ा हो सकती है, जिससे परिवार सदमे में है और उसे बचाने के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। निमिषा की मां 57 वर्षीय प्रेमा कुमारी ने मौत की सज़ा कम करवाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं।
Nimisha Priya: कौन है निमिषा, जिसे मिली मौत की सजा
बता दें कि भारतीय नर्स निमिषा प्रिया इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना की यात्रा की थी। यह यात्रा यमन में स्थित NRI सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठन सेव निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की मदद से मृतक के परिवार के साथ बल्ड मनी के भुगतान पर बातचीत करने के लिए थी। बल्ड मनी यमन में एक पारंपरिक प्रथा है, जिसके कारण प्रिया की सज़ा कम हो सकती थी।
निमिषा प्रिया पर हत्या का आरोप
केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की एक नर्स निमिषा प्रिया 2008 में अपने दिहाड़ी मजदूर माता-पिता की मदद करने के लिए यमन चली गई थी। उसने कई अस्पतालों में काम किया और आखिरकार अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया। 2017 में, निमिशा प्रिया और उसके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच विवाद हो गया। निमिषा पर महदी की हत्या का आरोप है। तब से वह जेल में है।
बताय जा रहा कि महदी ने निमिषा (Nimisha Priya) को क्लिनिक खोलने में मदद करने का वादा किया था। यह भी दावा किया जा रहा है कि महदी ने अपना वादा नहीं निभाया, इसके बावजूद निमिषा ने यमन में अपना क्लिनिक खोल लिया। जानकारी के मुताबिक इसके बाद महदी ने निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया और उसे अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। वह बार-बार निमिषा से पैसे मांगता था। निमिषा ने इस बारे में पुलिस से शिकायत भी की, जिसके बाद महदी को कुछ दिनों तक जेल में रहना पड़ा।
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हालांकि, जब महदी जेल से लौटा तो उसने Nimisha Priya का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया। महदी से पासपोर्ट वापस पाने के लिए निमिशा ने उसे एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया। लेकिन एनेस्थीसिया इंजेक्शन की खुराक ओवरडोज में बदल गई और महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिशा ने अपनी सहयोगी हनान के साथ मिलकर महदी के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसकी लाश को पानी की टंकी में फेंक दिया।
2018 में निमिषा को सुनाई गई थी मौत की सजा
बता दें कि हनान यमन की नागरिक है। इस मामले में निमिषा को साल 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि हनान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। निमिशा का एक 8 साल का बेटा भी है। निमिशा साल 2018 से यमन के सना में काम कर रही है। साल 2020 में सना की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई और यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा, हालांकि इसने ब्लड मनी का विकल्प खुला रखा।