Diraj Sahu, रांचीः कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी रविवार को भी चल रही है। आयकर की छापेमारी का आज पांचवां दिन है। छापेमारी में अब तक 290 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद हो चुका है। रांची के रेडियम रोड स्थित सुशीला निकेतन में आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम सुबह ही पहुंच गई और कार्रवाई शुरू की, जो अब तक जारी है।
अभी भी 136 बैगों की गिनती होनी बाकी
टीम को छापेमारी में क्या मिला है? फिलहाल, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां भी नकदी और दस्तावेज बरामद हुए हैं। बीते चार दिनों में छापेमारी के दौरान धीरज साहू के ठिकानों से 176 बैग रुपये मिले है। इनमें से अब तक 40 बैगों के नोटों की गिनती हो चुकी है। अब भी 136 बैग बाकी हैं।
इस दौरान नोट गिनने वाली कई मशीने भी जल चुकी है। लेकिन नोटों की गिनती अब भी जारी है। बताया जा रहा है कि आज देर रात तक नोटों की गिनती खत्म हो जाएगी। बता दें कि नोटों की गिनती करने के लिए कुल 50 कर्मचारी और 25 मशीने लगी हुई है। फिलहाल कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से अब तक 290 करोड़ रुपये से ज्यादा गिनती हो चुकी है। कहा जा रहा है कि जब्त नोटों का आंकड़ा 400 करोड़ के पार जा सकता है।
ये भी पढ़ें..Gogamedi murder case: चंडीगढ़ में पूछताछ के बाद, जयपुर भेजे गए सभी आरोपी
अन्य डिजिटल डिवाइस की भी होगी जांच
ओडिशा में बलदेव साहू संस एंड ग्रुप कंपनीज के ठिकानों से मिले कंप्यूटर और अन्य डिजिटल डिवाइस की जांच भी शुरू हो चुकी है। हैदराबाद से आयकर विभाग की 25 सदस्यीय एनालिस्ट टीम पहुंच चुकी है। वहीं, अब आईटी की टीम धीरज साहू के लॉकर को खोल सकती है। लॉकर खुलने के बाद पता चलेगा कि उनमें क्या-क्या है। अब तक जितने बैंक अकाउंट का पता चला है, उनके ट्रांजेक्शन जांचे जाएंगे। विभाग कंपनी के कर्मियों को पूछताछ के लिए बुला सकता है।
कौन है कांग्रेस के धनकुबेर धीरज साहू
बता दें कि 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू एक रसूखदार परिवार से आते हैं। उनके पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू और माता का नाम सुशीला देवी है। उनका परिवार वंशवाद से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। एक समय देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी चुनाव प्रचार के दौरान यहां रुकती थीं। देश के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी धीरज साहू के घर आ चुके हैं।
शिव प्रसाद साहू (धीरज साहू के भाई) के समय में सांसद, विधायक और यहां तक कि मंत्री पद के चुनाव के टिकट भी इसी परिवार की सिफारिश पर तय होते थे। इतना ही नहीं कहा जाता है कि जब देश आजाद हुआ तो आजादी के बाद 1947 में पिता बलदेव साहू (धीरज साहू के पिता) ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत सरकार को 47 लाख रुपये और 47 किलो सोना दान में दिया था।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)