जिनेवाः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के वैक्सीन RTS,S/AS01 को मंजूरी दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने इस घातक बीमारी से चल रही जंग में एक ऐतिहासिक दिन करार दिया है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल अफ्रीकी देशों में उन बच्चों पर किया जाएगा, जिन्हें इस बीमारी का ज्यादा खतरा है। मलेरिया का तोड़ निकालने की कोशिश करीब 80 साल से चल रही है और करीब 60 साल से आधुनिक वैक्सीन डिवेलपमेंट पर रिसर्च जारी है।
अधानोम ने कहा कि यह एक शक्तिशाली नया टूल है लेकिन कोरोना वैक्सीन की तरह यह एकमात्र टूल नहीं है। मलेरिया के खिलाफ टीकाकरण बेडनेट या बुखार की देखभाल सहित अन्य उपायों की जरूरतों को प्रतिस्थापित या कम नहीं करता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस दिन का इंतजार कर रहे थे, जब प्राचीन और भयानक बीमारी मलेरिया का टीका होगा और आज वह दिन आ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डिपार्टमेंट ऑफ इम्यूनाइजेशन के डायरेक्टर केट ओ ब्रायन ने कहा कि यह वैक्सीन तेजी से मलेरिया को खत्म करने का काम करता है।
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उन्होंने कहा कि वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ कई वैक्सीन हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब डब्ल्यूएचओ ने ह्यूमन पैरासाइट के खिलाफ लड़ने के लिए किसी वैक्सीन को व्यापक स्तर पर मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि मलेरिया संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। मच्छर जनित रोग बुखार, ठंड लगना और फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनता है।
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