Vishwakarma Puja 2023: नई दिल्लीः भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड के प्रथम वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है। साथ ही हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार कन्या संक्रांति के दिन ही ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। उन्हें स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, कुबेरपुरी जैसी सभी देवनगरियों का निर्माता कहा जाता है। इस खास दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है और आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
विश्वकर्मा पूजा 2023 की तिथि
कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2023 (रविवार) को पड़ रही है। ऐसे में इस दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाएगी। पंचांग के अनुसार पूजा का समय रविवार दोपहर 01ः43 बजे होगा और इस समय सूर्य गोचर करेगा। पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा पूजा के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस खास दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र के साथ-साथ ब्रह्म योग, द्विपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
ब्रह्म योग – संपूर्ण दिन
द्विपुष्कर योग- प्रातःकाल 10.02 बजे से 11.08 बजे तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- प्रातःकाल 05ः28 बजे से सुबह 10ः02 बजे तक।
अमृत सिद्धि योग- प्रातःकाल 05ः28 बजे से सुबह 10ः02 बजे तक।
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विश्वकर्मा पूजा का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन कार्यस्थलों और कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है और आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं। साथ ही कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे कई प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। इससे साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
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