17 या 18 सितंबर कब है जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

72

नई दिल्लीः आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सिद्धि योग में 18 सितंबर को जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा जाएगा। इस दिन माताएं संतान की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इसे जिउतिया या जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत झारखंड और बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में महिलाएं रखती हैं। व्रत की शुरुआत अष्टमी से होती है और नवमी के दिन व्रत का पारण किया जाता है।

जीवित्पुत्रिका व्रत का शुभ मुहूर्त
इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर लोगों में 17 सितंबर या 18 सितंबर को लेकर असमंजस है। पंचांग के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत अष्टमी को होता है। इस बार अष्टमी 17 सितंबर को दोपहर 2.14 बजे से 18 सितंबर को शाम 4.32 बजे तक है। उदयातिथि को देखते हुए जीवित्पुत्रिका व्रत सिद्धि योग में 18 सितंबर को रखा जाएगा और 19 सितंबर को शुभ मुहूर्त सुबह 6.08 बजे से 07.40 बजे व्रत का पारण किया जाएगा।

ये भी पढ़ें..जम्मू-कश्मीर के पुंछ में भीषण हादसा, खाई में गिरी बस, 11…

जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व
इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर (रविवार) को रखा जाएगा। जीवित्पुत्रिका व्रत माता संतानों की रक्षा और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखती हैं। माताएं 24 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत में जीतवाहन देवता की पूजा होती है। मान्यता है कि व्रत को विधि-विधान से करने से मनोकामना पूरी होती है। पूजन के समय मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाकर उन्हें लाल सिंदूर लगाया जाता है। फिर जीवित्पुत्रिका की कथा पढ़ी जाती है। उसके बाद संतान वृद्धि और प्रगति की कामना की जाती है।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…