लखनऊः जैसे-जैसे नगर निकाय का चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे ही नगर में शामिल किए गए 88 गांवों के विकास के लिए भी कवायद तेज कर दी गई है। करीब 2 साल पहले नगर निगम सीमा में तमाम गांवों को शामिल किया गया था। उपेक्षा झेल रहे इन कई गांवों के लोगों ने आने वाले विधानसभा चुनावों के बहिष्कार करने का मन भी बना लिया था। महापौर के पास भी लोग विकास की उम्मीद लेकर पहुंच रहे थे। वर्तमान में यहां क्षेत्रीय विधायकों का विरोध भी किया जा रहा था। इन्हीं कुछ कारणों के चलते नगर आयुक्त की ओर से यहां के विकास संबंधी खाका तैयार किया जा रहा है। यह कितनी जल्दी बनकर तैयार होगा, इस संबंध में वह चुप जरूर हैं लेकिन आयुक्त की ओर से सभी 88 गांवों के लिए सीवर संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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कार्ययोजना पर भी लग सकता है समय
1- नगर निगम के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि इन गांवों के लिए बजट कहां से जुटाया जाए, इसलिए विकास कराना मुश्किल हो रहा है।
2- ग्राम पंचायत से नगर निगम में गए गांवों से प्रधानों ने अपना हाथ खींच लिया था, उधर यहां बिना निकाय चुनाव के बजट निकाल पाना कठिन है।
3- कार्ययोजना बन जाने के बाद भी काम जल्दी हो पाना मुश्किल है। निकाय चुनाव के बाद क्षेत्रों का परिसीमन हो सकता है, बाद में पार्षद मिलते ही काम होंगे।
4- लखनऊ में दो महापौर का निर्णय भी लिया जा चुका है, इसलिए भी विकास संबंधित कार्याें के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। माना जा रहा है कि यदि नगर निगम में कार्ययोजना बननी शुरू हो गई है, तो आने वाले दिनों में विकास कार्य भी तेजी पकड़ सकते हैं।
बीच में फंसे हुए हैं कई गांव
सैथा, अलीनगर, नरहरपुर, घैला, अल्लूनगर डिगुरिया, ककौली, मुतक्कीपुर, रायपुर, मोहिउद्दीनपुर, तिवारीपुर, मिर्जापुर, अजनहर कलां, मिश्रपुर, बरखुरदारपुर, आधार खेड़ा, बसहा, दसौली, मोहम्मदपुर मजरा, गोयला और धावा, गणेशपुर, टेराखास, निजामपुर हासेमऊ, भरवारा, लोनापुर, चंदियामऊ, भैसोरा, बाघामऊ, मस्तेमऊ, अरदौना मऊ, सरसवां, अहमामऊ, चककंजेहरा, माढरमऊ खुर्द, माढरमऊ कलां, हसनपुर खेवली, यूसुफनगर, हरिहरपुर, मलाक, घुसवलकलां, देवामऊ, मुजफ्फुरनगर, घुसवल, निजामपुर मझिगवां, सोनई कजेहरा, बरौना, सेवई तथा बरौली, बिरूरा, हरिकंश गढ़ी, पुरसेनी, अलीनगर खुर्द, अशरफ नगर, रसूलपुर इठुरिया, नटकुर, मीरानपुर पिनवट, अनौरा, कलिया खेड़ा, अलीनगर सुनहरा, सदरौना, नरौना, सलेमपुर पतौरा, सिकरोरी, लालनगर, महिपतमऊ, सरायप्रेमराज तथा मौरा में तमाम तरह की परेशानियां हैं। इनमें ज्यादातर मांग सड़क और सीवर की हैै।
कमेटी की अध्यक्ष हैं अपर नगर आयुक्त
जलनिगम की गोमती प्रदूषण नियंत्रण इकाई अब कई बिंदुओं पर रिपोर्ट बनाएगी। इसके साथ कई और इकाइयों को शामिल किया गया है। यह सभी एक कमेटी के रूप में काम कर रहे हैं। जल निगम की गोमती प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक, परियोजना प्रबंधक सौरभ श्रीवास्तव, जलकल के महाप्रबंधक एसके वर्मा नगर अभियंता- जोन छह एसएफए जैदी कार्ययोजना के लिए काम करेंगे। कमेटी की अध्यक्ष अपर नगर आयुक्त डॉ. अर्चना द्विवेदी को बनाया गया है।
अब गांव भी लगाएंगे स्वच्छता की ‘दौड़’
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत भारत सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 संचालित किये जाने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण की राज्य स्तरीय लॉनिं्चग राज कुमार, मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) उत्तर प्रदेश द्वारा राज्य के समस्त जनपदों के जिला कन्सल्टेंट्स की उपस्थिति में आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला के दौरान दीप प्रज्वलित कर किया गया। लॉनिं्चग के अवसर पर मिशन निदेशक राज कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणामों में उत्तर प्रदेश के तमाम जिले श्रेष्ठ रैकिंग प्राप्त करें, इसके लिये आवश्यक है कि गांव में स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण होने के साथ-साथ उनका उपयोग भी सुनिश्चित किया जाये। योगेन्द्र कटियार, नोडल ऑफिसर, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि शौचालय निर्माण उसके उपयोग के साथ-साथ ठोस एंव तरल अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु गांव में कम्पोस्ट गड्ढों एवं सोख्ता गड्ढों का निर्माण सर्वेक्षण से पूर्व प्रत्येक दशा में किये जाने से प्रदेश की स्थिति सर्वेक्षण के परिणामों में बेहतर होगी।
डॉ. अनूप त्रिपाठी, सीनियर कन्सल्टेंट, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के विभिन्न पैरामीट्रस एवं निर्धारित पैरामीट्रस पर अंक प्राप्त करने के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया। सर्वेक्षण का कार्य करने हेतु चयनित संस्था इपसोस प्रा. लि., नई दिल्ली के प्रतिनिधि श्रीकान्त एवं मृदुला कुमारी ने अवगत कराया कि सर्वेक्षण का कार्य 25 अक्टूबर से प्रारम्भ किया जाएगा। सर्वेक्षण से पूर्व सर्वेक्षण के सम्बन्ध में ग्रामीणों को जागरूक किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रदेश के सभी जनपदों एवं मंडलों से लगभग 200 कन्सल्टेंट्स ने प्रतिभाग किया जबकि कार्यक्रम में स्टेट कन्सल्टेंट्स जितेन्द्र प्रताप सिंह, महिम कुमार, मो. तारिक, मनोज शुक्ला, ओपी मणि त्रिपाठी, अक्षय पटेल एवं श्रीमती तुहिना राय ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का संचालन संजय सिंह चैहान, स्टेट कन्सल्टेंट, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा0) ने किया।
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