कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के इंग्लिश बाजार में मंगलवार तड़के अवैध पटाखों के एक गोदाम में भीषण आग लग गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। दोनों घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
राज्य के अग्निशमन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अवैध गोदाम में आग लगने के नौ घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन दमकल विभाग अभी तक पूरी तरह से आग पर काबू नहीं पा सका है। रास्ता संकरा होने के कारण दमकल कर्मियों को आग बुझाने में परेशानी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि भीड़भाड़ वाले इलाके में कुछ पटाखों की दुकानों सहित ज्वलनशील सामान बेचने वाली दुकानों के कारण आग फैल गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले सात दिनों के दौरान राज्य में अवैध पटाखा इकाइयों में विस्फोट का यह तीसरा बड़ा मामला है। इन तीन हादसों को मिलाकर अब तक मरने वालों की कुल संख्या 17 हो गई है।
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पूर्वी मिदनापुर के एगरा में 16 मई को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में कुल 12 लोगों की मौत हो गई थी। 21 मई की रात भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था। दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला में एक अवैध पटाखा गोदाम में विस्फोट हुआ, जिसमें एक नाबालिग लड़की समेत तीन लोगों की मौत हो गई। अब मालदा में दो लोगों की मौत के बाद पिछले सात दिनों में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है।
इस बीच मालदा में हुए हादसे को लेकर हमेशा की तरह राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। राज्य भाजपा के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य के अनुसार, पश्चिम बंगाल इन अवैध पटाखों के निर्माण और भंडारण सुविधाओं के कारण होड़ में है, जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। ऐसी कई फैक्ट्रियों में पटाखों के अलावा देसी बम भी बनाए जाते हैं।
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