
नई दिल्लीः स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन से देष ही नहीं दुनिया में शोक की लहर व्याप्त है। एशिया से यूरोप तक दुनिया भर के कई देशों ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जाहिर किया है। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कई नेपाली गीतों को अपनी सुरीली आवाज से सजा चुकीं प्रसिद्ध भारतीय गायिका लता मंगेशकर के निधन की खबर से दुखी हूं। असाधारण प्रतिभा की धनी लता मंगेशकर को मैं भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर ने संगीत के लिए जो अमूल्य योगदान दिया उससे वो ना केवल भारत, बल्कि पूरे उपमहाद्वीप और सारे विश्व में लोगों के दिलों में बसी रहेंगी। पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि एक महान गायिका नहीं रहीं। लता मंगेशकर सुरों की रानी थीं जिन्होंने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया। वह संगीत की बेताज रानी थीं। उनकी आवाज आने वाले समय में भी लोगों के दिलों पर राज करती रहेगी।
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पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर रमीज रजा ने ट्वीट किया कि लता मंगेशकर कृपा, नम्रता और सादगी की प्रतीक थीं। वे सबके लिए उदाहरण थीं। पहले किशोर कुमार और अब उनकी मौत ने मेरे सुर छीन लिए। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा कि भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से गहरा दुख हुआ है। वो अपने आप में एक संस्था थीं। उन्हें उनके अतुलनीय गायन के लिए फ्रांस ने आफिसर डे ला लीजन डी होनूर से सम्मानित किया गया था। भारत और भूटान में जर्मनी के राजदूत वॉल्टर जे. लिंडनर ने हिंदी में ट्वीट करते हुए लिखा, मेरी आवाज ही, पहचान है…गर याद रहे..। उन्होंने लिखा कि गायिका और संगीत की प्रतिभा का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। सात दशकों तक संगीत की संस्थारूपी महान गायिका, अनमोल आवाज। बेहद दुखद खबर…उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी।
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