ढाकाः बांग्लादेश के पूरे उत्तरी हिस्से में बाढ़ की स्थिति खराब हो गई है। गाजोलडोबा बैराज के सभी गेट खोलने के बाद इलाके की नदियां उफान पर हैं। तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। बाकी नदियां भी उफान पर हैं। अगर यही हाल रहा तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। मीडिया रिपोर्टों में बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के जल एवं बाढ़ प्रबंधन संस्थान के प्रोफेसर और निदेशक डॉ. एकेएम सैफुल इस्लाम का उल्लेख किया गया है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मानसून का मौसम जून से सितंबर तक रहता है। इस दौरान बांग्लादेश को आमतौर पर नियमित बाढ़ का सामना करना पड़ता है। हमारी वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत इसी अवधि के दौरान होता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लालमोनिरहाट के पाटग्राम उपजिला के दाहग्राम, सानियाजन, गोड्डीमारी, सिंदुरना, पटिकापारा, सिंगिमारी, भोटामारी, कालीगंज उपजिला, तीस्ता नदी से सटे, काकीना, कालीगंज उपजिला के मोहिशखोचा, अदितमारी उपजिला के पलाशी, खुनियागाछ, राजपुर, गोकुंडा सदर अनुमंडल आदि में बाढ़ से स्थिति गंभीर है। लालमोनिरहाट की 15 यूनियनों के 35 गांवों के लगभग 25,000 परिवार प्रभावित हुए हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स में लालमोनिरहाट के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद उल्लाह के हवाले से कहा गया है कि तीस्ता का जलस्तर बढ़ने से कुछ निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा, रंगपुर में कौनिया और गंगाचारा उप-जिलों के लगभग 40 गांव जलमग्न हो गए हैं। इससे लगभग 50,000 निवासी प्रभावित हुए हैं। प्रभावित परिवार ऊंचे स्थानों और तटबंधों पर शरण लिये हुए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश जल विकास बोर्ड के बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी केंद्र के कार्यकारी अभियंता सरदार उदय रैहान ने कहा कि अगले 24 घंटे स्थिर हैं, लेकिन अन्य निचले इलाकों में बाढ़ की संभावना है। जमुना नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
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