चेन्नई : तमिलनाडु के तिरुचि जिले में लगातार हो रही बारिश से 750 एकड़ जमीन पर पैदा हुई फसल जलमग्न हो गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कावेरी नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण पिछले चार दिनों से धान और केले की फसलें पानी में डूबी हुई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसानों को उम्मीद है कि सोमवार तक जलस्तर कम हो जाएगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो फसलों को काफी नुकसान पहुंचेगा।
ऊपरी एनीकट में पिछले कुछ दिनों में 2.17 लाख क्यूसेक की वृद्धि हुई है, जिससे कावेरी और कोलिदाम दोनों नदियों में प्रवाह में वृद्धि हुई है। इससे फसल जलमग्न हो गई है। इससे लालगुडी क्षेत्र में 500 एकड़ में धान की खेती और थोटियाम और अंदनल्लूर में 250 एकड़ केले के बागान प्रभावित हुए हैं। धान की खेती लालगुडी में अभी शुरू हुई है और मेट्टूर जलाशय के अचानक खुलने से कावेरी में जल स्तर बढ़ गया था।
ये भी पढ़ें..नोएडा में महिला से अभद्रता करने वाले श्रीकांत त्यागी पर ईनाम…
लालगुडी में कुरुवई धान किसान नेता आर. मुथुकृष्णन ने बताया, “हमने इस सीजन की कुरुवई फसलों के लिए लगभग उम्मीद खो दी है और राज्य सरकार से फसल क्षति राहत की उम्मीद कर रहे हैं। यह कुरुवई सीजन की शुरुआत थी और हमने यहां धान लगाया था, लेकिन लगातार चार दिनों की बारिश और बाढ़ के बाद इन फसलों का जीवित रहना मुश्किल है।”
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)