हिमाचल में पहली बार वाटर सेस आयोग गठित, IAS अमिताभ अवस्थी बने अध्यक्ष

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शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में जल उपकर आयोग (water cess commission) का गठन किया है। आयोग के अध्यक्ष और तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई है। आईएएस अधिकारी और जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी जल आयोग के अध्यक्ष होंगे। जल उपकर आयोग का मुख्यालय शिमला में होगा।

यह आयोग जल उपकर (water cess commission) से जुड़ी सभी अपीलों पर सुनवाई करेगा। आयोग हिमाचल प्रदेश जलविद्युत उत्पादन पर जल उपकर अधिनियम-2023 के अनुसार कार्य करेगा। सरकार ने जल आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आवेदन मांगे थे। अध्यक्ष व सदस्य पद के लिए कुल 29 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें अध्यक्ष के लिए 11 व सदस्य के लिए 18 आवेदन आये हैं। आवेदन करने वालों में सेवारत और सेवानिवृत्त आईएएस और आईएफएस अधिकारियों के साथ-साथ इंजीनियर और कांग्रेस नेता भी शामिल थे।

संसाधन जुटाने को सरकार ने लिया फैसला

सुक्खू सरकार ने राज्य में संसाधन जुटाने के मकसद से उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर यहां स्थापित होने वाली बिजली परियोजनाओं पर जल उपकर (water cess commission) लगाने का फैसला किया है। इसके लिए कानून भी बनाया गया है। सुक्खू सरकार इस साल विधानसभा के बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश वॉटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जेनरेशन एक्ट 2023 लेकर आई है। राज्य में करीब 172 छोटी-बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं हैं। अब प्रदेश में पहली बार जल विद्युत परियोजनाओं से 30 मीटर तक पानी उठाने पर 0.10 पैसे प्रति घन मीटर की दर से जल उपकर लगाया जाएगा। सेस की दर 0.25 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर तय की गई है। इसी तरह 60 से 90 मीटर तक पानी उठाए जाने पर 0.35 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर और 90 मीटर से ऊपर पानी उठाए जाने पर 0.50 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर की दर से सेस वसूला जाएगा।

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अमिताभ अवस्थी होंगे जल आयोग के अध्यक्ष

सरकार की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, आईएएस अधिकारी और जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी जल आयोग के अध्यक्ष होंगे। वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके अलावा पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एचएस धरोला, अरुण शर्मा और जोगिंदर सिंह को सदस्य बनाया गया है। इनकी नियुक्ति तीन साल के लिए होगी. साथ ही अध्यक्ष और सदस्यों की अधिकतम आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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