कब्जेदारों से मुक्त हुई नगर निगम की ऊसर भूमि

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Waste land of municipal corporation freed from encroachers

लखनऊः भू-माफियाओं को अभी भी कानून का डर नहीं है। यदि उनको किसी के दंड का डर होता, तो वह किसी भी प्रकार की भूमि पर कब्जा नहीं करते। अब तो नामी कंपनियां भी यह काम करने लगी हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह वह कंपनियां हैं, जो प्लॉट, फ्लैट और मकान की बिक्री करते हैं।

इसका खुलासा एक छोटी सी शिकायत पर हुआ है। लखनऊ नगर निगम जिस जमीन पर पेड़-पौधे लगाकर बस रहे शहर को हरियाली से संपन्न करना चाह रहा था, वह ऊसर भूमि तो एक नामी कंपनी के पास है। किसानों से संबंधित एक संगठन ने ओमेक्स पर कार्रवाई की मांग की हैं। भाकियू ने नगर निगम से मांग की है कि जो जमीन कब्जेदारों से मुक्त कराई जा रही है, उस पर फूलदार पौधे लगाए जाएं। भारतीय किसान यूनियन के भानू गुट ने नगर निगम को पत्र लिखा था कि शहर में तमाम तरह की ऊसर भूमि है। यदि इसमें आधुनिक तरीके से पेड़-पौधे लगा दिए जाएं, तो निश्चित है कि शहर की शोभा के साथ हरियाली बढ़ जाएगी। इसके अलावा प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी। संगठन की ओर से हरीशचन्द्र रावत, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन के भानू गुट ने ओमेक्स प्रभारी पर कार्रवाई की मांग की है।

भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने जन शिकायत निवारण प्रणाली के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में बताया गया था कि ग्राम कल्ली पश्चिम की खसरा संख्या-2354क क्षेत्रफल 1.741 हेक्टेयर, जो कि अभिलेखों में क्रमशः ऊसर, नवीन परती दर्ज है, पर कब्जा है। नगर निगम में निहित संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने का आदेश भी शासनस्तर से है। आरोप है कि कल्ली पश्चिम रायबरेली रोड पर स्थानीय ग्राम पंचायत ने पूर्व में प्रस्तावित श्मशान की भूमि पर किए गए अतिक्रमण हो हटाने की मांग की है। शिकायत को आधार मानते हुए नगर निगम की टीम ने इस मामले की जांच की। इसमें पाया गया कि खसरा संख्या-2354क, 2354ठ व 2354ढ नगर निगम में निहित सम्पत्ति है। उधर, ओमेक्स का कहना है कि यदि योजना अवैध रूप से है, तो नगर निगम में निहित भूमि पर अतिक्रमण करने से रोका जाएगा।

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वायदे के बाद भी कंपनी ने अवैध निर्माण कार्य नहीं रोका। इसके बाद किसान नेता की शिकायत पर खसरा संख्या-2354क, 2354ठ व 2354ढ, की कुल 2.044 हेक्टेयर भूमि अलंकार अग्निहोत्री, प्रभारी अधिकारी (सम्पत्ति), नगर निगम , अजीत राय, जोनल अधिकारी जोन-8 व एससी सिंह, नगर अभियंता जोन-08 तथा कर्नल सत्येन्द्र सिंह, प्रर्वतन अधिकारी, नगर निगम के नेतृत्व में पहुंचे और अतिक्रमण पर कार्रवाई की। महीनों से बनाया गया भवन पल भर में ढहा दिया गया। अब उम्मीद की जा रही है कि नगर निगम जिन क्षेत्रों में पार्क का निर्माण चाहता है, उसके लिए इन क्षेत्रों में भिम की कमी नहीं रहेगी। कारण है कि नजूल की भूमि इन क्षेत्रों में काफी है। आने वाले दिनों में यदि भाकियू की मांग पूरी हो जाती है तो कल्ली पश्चिम क्षेत्र में नगर निगम का यह पहला पार्क होगा और इसमें पेड़ पौधे लगाने के लिए काफी जमीन होगी।

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