मुरादाबाद: पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में फिल्म अभिनेत्री व पूर्व सांसद जयाप्रदा (Jaya Prada) शुक्रवार को एक बार फिर अपना बयान देने कोर्ट नहीं पहुंचीं। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है। वर्ष 2019 में नवनिर्वाचित सांसद आजम खां के लिए जिले में आयोजित कार्यक्रम में जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले विचाराधीन हैं।
जयाप्रदा (Jaya Prada) के बयान देने नहीं आने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। शुक्रवार को कोर्ट ने अधिवक्ता की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए जमानती वारंट जारी कर 17 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले आजम खान के स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें आजम खान पर जयाप्रदा (Jaya Prada) पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था और इसका ऑडियो भी वायरल हुआ था।
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इस मामले में रामपुर निवासी मुस्तफा हुसैन ने तत्कालीन सपा सांसद आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, सांसद डॉ. एसटी हसन, संभल के तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां, रामपुर नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजहर खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई मुरादाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट में लंबित है।
कोर्ट ने खारिज की याचिका
विशिष्ट लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को सीजेएम मनिंदर सिंह की अदालत में हुई। मामले में पीड़िता के तौर पर जयाप्रदा (Jaya Prada) का बयान होना है, लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य के चलते स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। जयाप्रदा की ओर से अधिवक्ता अभिषेक भटनागर ने शुक्रवार को कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। अधिवक्ता की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र की दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर 17 अगस्त को उपस्थित होने का आदेश दिया है।
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