वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, किसी ने मुसलमानों का दुश्मन… तो किसी ने सोची समझी साजिश बताया

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Waqf Amendment Bill , नई दिल्ली: संसद में आज पुराने वक्फ कानूनों में संशोधन के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पेश किया गया। जिसका विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया। विधेयक पेश होते ही सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस विधेयक को लेकर पहले भी विवाद खड़ा हो चुका है।

वहीं अब राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ नेता जहां इस विधेयक के समर्थन में हैं, तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। इस विधेयक पर राजनीतिक दलों के नेताओं की अलग-अलग राय सामने आ रही है, जिससे सियासत गरमा गई है।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर किसने क्या कहा-

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर आपत्ति जताई। उन्होंने विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरकार विभाजन की राजनीति कर रही है, इस तरह की राजनीति नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि दान की गई संपत्ति वक्फ के अंतर्गत आती है। इस विधेयक में सरकार यह प्रावधान कर रही है कि गैर मुस्लिम भी गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हो सकते हैं।

उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई गैर हिंदू अयोध्या मंदिर बोर्ड का हिस्सा बन सकता है? किसी गैर मुस्लिम को परिषद का हिस्सा बनाना धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक अधिकारों का हनन है, अधिकारों पर हमला है। यह विधेयक हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लाया गया है। आप (भाजपा) देश के लोगों को बांटना चाहते हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए।

AIMIM अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि आप मुझे नमाज़ पढ़ने से भी रोक रहे हैं। अगर कल कोई आकर कहे कि मैं पाँच साल से प्रैक्टिस नहीं कर रहा हूँ या नया धर्मांतरित हुआ हूँ, तो क्या उसे पांच साल इंतज़ार करना पड़ेगा।

हिंदू बंदोबस्ती या सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। वक्फ की संपत्ति सार्वजनिक संपत्ति नहीं है। यह सरकार दरगाह, वक्फ जैसी संपत्तियां लेना चाहती है… सरकार कह रही है कि हम इसे महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन नहीं है कि आप बिलकिस बानो और ज़किया जाफ़री को सदस्य बनाएंगे… आप मुसलमानों के दुश्मन हैं, यह बिल इसका सबूत है।

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डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद गैर-मुस्लिम भी बोर्ड के सदस्य बन सकेंगे, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भी यह नहीं चाहेगा कि कोई ऐसा व्यक्ति जो आपके धर्म का नहीं है, आपके धर्म में दखल दे। इस विधेयक के जरिए एक खास समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। यह विधेयक मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ है।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर कहा कि मैं इस विधेयक का विरोध करता हूं। विधेयक के जरिए संविधान की धज्जियां उड़ाने की कोशिश की जा रही है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति को खत्म करके आप डीएम राज लाकर बोर्ड की संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं। टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी इस विधेयक को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अगर सारी शक्ति जिलाधिकारी को दे दी जाए तो आप जानते हैं कि एक जगह जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ा। भाजपा अपने हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है। वे अभी हारे हैं, इसलिए इसे लाया जा रहा है।

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने कहा कि विधेयक में किया जा रहा संशोधन मुस्लिम विरोधी नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि यह मुस्लिम विरोधी कहां है? आपको इस मंदिर और संस्था में कोई अंतर नहीं दिखता। मस्जिद से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। धर्म के नाम पर कोई बंटवारा नहीं किया गया है। पारदर्शिता लाने का अधिकार सरकार को है, ये लोग भ्रम फैला रहे हैं।

किरण रिजिजू ने कहा कि विपक्ष वोट बैंक के कारण बिल का विरोध कर रहा है। वक्फ का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक नहीं था। उसे ठीक किया गया है। वक्फ बोर्ड पर माफियाओं का कब्जा है। देश में कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है।

वक्फ क्या है?

वक्फ का मतलब है…मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र-धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी चल या अचल संपत्ति का किसी भी व्यक्ति द्वारा दान देना। वक्फ अधिनियम, 1995, एक ‘वाकिफ’ (वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून द्वारा धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है) द्वारा ‘औकाफ’ (दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्ति) को रेगुलेट करने के लिए लाया गया था।

सरकार का उद्देश्य क्या है?

सरकार ने विधेयक लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन बताया है। इसमें वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 40 को हटाया जा रहा है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार था। वक्फ अधिनियम 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 किया जाएगा।

संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी?

सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे उद्देश्य वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है। वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहे लोगों का मानना ​​है कि यह फैसला वक्फ संपत्तियों के खिलाफ है। अगर संशोधन हुआ तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और अगर वक्फ बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण बढ़ गया तो वक्फ की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी।

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