ब्रह्म मुहूर्त में जागने से शरीर पर पड़ता है सात्विक गुणों का प्रभाव

84

नई दिल्लीः प्रातःकाल के समय ब्रह्म मुहूर्त में उठाना बहुत ही अच्छा माना गया है। ऐसा बताया जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से आयु लंबी होती है। क्योंकि इस समय वातावरण बिल्कुल शुद्ध होता है। जिससे आपके अंदर सात्विक गुणों का प्रभाव अधिक पड़ता है और मन शांत रहता है। इसके साथ ही ब्रह्म मुहूर्त में टहलने से शरीर में शक्ति का संचार होता है और आपके चेहरे पर तेज आता है।

इसलिए प्राचीन काल में ब्रह्म मुहूर्त में ही गुरूजन विद्यार्थियों को वेदों एवं शास्त्रों का अध्ययन कराते थे। इसके विपरीत यदि आप देर रात तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं तो इससे आपके शरीर को सुबह की शुद्ध वायु नही मिलती। जिसके चलते कई तरह की समस्याएं समय से पहले ही तकलीफ देने लगती है। ऋग्वेद में भी कहा गया हैं कि जो मनुष्य प्रातःकाल जल्द उठता हैं, उसकी आयु लंबी होती हैं। ब्रह्म मुहूर्त में तम एवं रजो गुण की मात्रा बेहद कम होती हैं। वहीं इस समय सात्विक गुणों का प्रभाव अधिक रहता है।

यह भी पढ़ेंःस्वाद में कड़वी लगने वाली नीम की पत्तियां सेहत के लिए…

हिंदू धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान की पूजा आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति सदाचारी बनता है। इसलिए मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त में कपाट खोल दिये जाते है और भगवान की पूजा की जाती है। ब्रह्म मुहूर्त में जागने के कई वैज्ञानिक पहलू भी हैं। इसके तहत ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक रहती है। इसलिए सुबह के समय टहलने से शुद्ध वायु के शरीर में प्रवेश करने के चलते तन-मन में स्फूर्ति आती है। इसके अलावा इस समय पक्षियों की चहचाहट सुनने से दिमाग भी शांत और प्रफुल्लित होता है।