नई दिल्लीः दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने करोड़ों रुपये के घोटाला मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) के पूर्व प्रमोटर्स कपिल राजेश वाधवान और धीरज राजेश वाधवान की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। अतिरिक्त सेशन जज रीतेश सिंह ने शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करने के बाद वाधवान बंधुओं की याचिका मंजूर कर ली।
जज रीतेश सिंह ने कहा कि जांच के दौरान वाधवान बंधुओं को गिरफ्तार नहीं किया गया था और उन्हें गिरफ्तार किये बगैर ही पूरक चार्जशीट दायर किया गया था। जांच अधिकारी ने भी कहा है कि वाधवान बंधुओं को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है।न वाधवान बंधुओं पर नोएडा के शुभकामना एडवर्ट टेकहोम्स परियोजना के तहत फ्लैट बेचने के समझौते के संबंध में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि वाधवान बंधु पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव बैंक से संबंधित मामले में मुम्बई जेल में बंद हैं। इसी वजह से उनके भागने या सबूत से छेड़छाड़ करने का कोई सवाल ही नहीं है। अभियोजन पक्ष के वकील का कहना है कि डीएचएफएल ने शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को जनता के पैसे तथा ऋण राशि की हेराफेरी करने दी। डीएचएफएल ने घर खरीदारों को जो ऋण आवंटित किये, उसकी राशि एस्क्रू अकांउट के जरिये वापस डीएचएफएल को ही मिल गई। इससे घर खरीदारों को नुकसान हुआ जबकि डीएचएफएल को गलत तरीके से लाभ हुआ।
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सीबीआई ने गत साल वाधवान बंधुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। इन पर प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित घोटाले का भी मामला दर्ज है। सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक वाधवान बंधुओं ने 14,000 करोड़ रुपये की फर्जी आवास ऋण खाते बनाये और उसके आधार पर केंद्र सरकार से मिलनी वाली 1,880 करोड़ रुपये की सब्सिडी डकार ली।
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