नई दिल्लीः शिक्षा संस्थान लगातार रैंसमवेयर के निशाने पर हैं। रैंसमवेयर हमले 2020 में 44 प्रतिशत की तुलना में 2021 में 60 प्रतिशत हो गए हैं। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। साइबर सुरक्षा फर्म सोफोस के अनुसार, शिक्षा संस्थानों को अन्य क्षेत्रों (65 प्रतिशत) की तुलना में उच्चतम डेटा एन्क्रिप्शन दर (73 प्रतिशत) का सामना करना पड़ा और सबसे लंबे रिकवरी समय का सामना करना पड़ा। 7 प्रतिशत मामलों में हमलों से उबरने में कम से कम तीन महीने लगते हैं।
सोफोस के प्रमुख शोध वैज्ञानिक चेस्टर विस्निव्स्की ने एक बयान में कहा कि स्कूल रैनसमवेयर से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में से हैं। वे मजबूत साइबर सुरक्षा, सुरक्षा की कमी और व्यक्तिगत डेटा की खान के चलते हमलावरों के लिए प्रमुख टारगेट हैं। सर्वेक्षण में उल्लेख किया गया है कि शिक्षा संस्थान अन्य क्षेत्रों की तुलना में रैंसमवेयर हमलों से परिचालन और व्यावसायिक प्रभावों का अनुभव करने के लिए उच्चतम प्रवृत्ति की रिपोर्ट करते हैं।
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कम से कम 97 प्रतिशत उच्च शिक्षा और 94 प्रतिशत निम्न शिक्षा उत्तरदाताओं का कहना है कि हमलों ने उनकी संचालन क्षमता को प्रभावित किया, जबकि निजी क्षेत्र में 96 प्रतिशत उच्च शिक्षा और 92 प्रतिशत निम्न शिक्षा उत्तरदाताओं ने व्यापार और राजस्व हानि की रिपोर्ट की।
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