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कोहली की वनडे कप्तानी पर भी मंडराया खतरा, विराट की 'मनमानी' से त्रस्त खिलाड़ी !

नई दिल्लीः बल्ले से लय हासिल करने के लिए भले ही भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने टी 20 विश्व कप के बाद टी-20 की कप्तानी छोड़ घोषणा कर दी हो। लेकिन एक दिवसीय ढांचे में भी उन्हें इसी तरह की चीजों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन एक दिवसीय ढांचे में भी उन्हें इसी तरह की चीजों का सामना करना पड़ सकता है। कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह भारत में 2023 में होने वाले विश्व कप में टीम इंडिया की 50 ओवर की टीम के कप्तान होंगे। अगर 2023 तक भारत के कार्यक्रम को देखा जाए तो विश्व कप के अलावा टीम को लगभग 20 द्विपक्षीय टी20 मुकाबले ही खेलने हैं।

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इसी बीच बीसीसीआई के एक सूत्र ने विराट कोहली की कप्तानी को लेकर का काफी चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सूत्र की माने तो विराट को पता है कि अगर टीम टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उन्हें सीमित ओवरों की कप्तानी से हटाया जा सकता था। जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उन्होंने हटकर अच्छा किया है।’ टी20 विश्व कप में ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहने के बाद कोहली को 50 ओवर में भी विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है।

रोहित को हटाना चाहते थे कोहली

कहा जा रहा है कि कोहली चयन समिति के पास प्रस्ताव लेकर गए थे कि 34 साल के रोहित को वनडे उप कप्तानी से हटाकर लोकेश राहुल को सौंपी जाए जबकि टी20 प्रारूप में यह जिम्मेदारी पंत निभाएं। सूत्र ने कहा, ‘बोर्ड को पसंद नहीं आया जिसका मानना है कि कोहली असल उत्तराधिकारी नहीं चाहते। इतना ही नहीं कोहली को पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूम में पूर्ण समर्थन हासिल नहीं है। उनको करीब से देखने वालों का मानना है कि उनकी कार्यशैली में लचीलापन नहीं है।

खिलाड़ियों को मझधार में छोड़ देते है कोहली

एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि कोहली के खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वह मुश्किल समय में उन्हें मझधार में छोड़ देते हैं। एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट के बाद कुलदीप यादव योजनाओं से बाहर हो गए। वहीं ऋषभ पंत जब फॉर्म में नहीं थे तो उनके साथ भी ऐसा ही हुआ। जबकि भारतीय पिचों पर ठोस प्रदर्शन करने वाले सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को कभी यह जवाब नहीं मिला कि किसी के चोटिल नहीं होने तक उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया जाता'। गौरतलब है कि विराट कोहली ने नवंबर 2019 के बाद से एक भी शतक लगाने में नाकाम रहे हैं। कप्तानी का दबाव इतना है कि उनके खेल पर इसका असर पड़ने लगा है। वह इस फॉर्मेट की कप्तानी भी छोड़ सकते हैं।

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