अब्बास अंसारी को जेल में VIP ट्रीटमेंटः जेलर व डिप्टी जेलर सस्पेंड, पत्नी निकहत ड्राइवर समेत गिरफ्तार

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लखनऊ। चित्रकूट जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी से मिलने के लिए उनकी पत्नी निकहत अंसारी चोरी छिपे हर दिन जेल जाती थी और वहां तीन से चार घंटे अपने पति के साथ बिताती थी। जेल में अचानक पड़े डीएम और एसपी के छापे में जेल के एक कमरे में पकड़ी गयी जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि अब्बास अंसारी मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।

इस मुलाकात के दौरान वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में डीजी जेल आनंद कुमार ने अशोक सागर को निलंबित करने की संस्तुति की। अपराधी की पत्नी को वीआइपी ट्रीटमेंट देने के मामले में प्राथमिक जांच में जेल प्रशासन की मिली भगत सामने आई। इस जांच में सामने आया है कि बगैर किसी अधिकारिक जानकारी और बंदी मुलाकाती रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराए बिना जेल पहुंची थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद मामले में डीजी जेल आनंद कुमार ने बड़ा कदम उठाते हुए 8 जेलकर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

पति को भगाने की बना रही थी योजना

मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक निकहत अंसारी अपने ड्राइवर नियाज के साथ मिलकर पति अब्बास अंसारी को जेल से भगाने की योजना पर काम कर रही थीं। पुलिस ने निकहत के ड्राइवर नियाज को भी गिरफ्तार कर लिया है। मुखबिर ने सूचना दी कि अब्बास की पत्नी निकहत बानो अपने ड्राइवर नियाज के साथ पिछले कई दिनों से हर रोज लगभग 11 बजे सुबह में जेल आती है और 3-4 घंटे अंदर बिताकर वापस चली जाती है।

छापेमारी की किसी को नहीं थी भनक

मामले में पुलिस महानिदेशक व महानिरीक्षक कारागार आनंद कुमार द्वारा डीआईजी जेल प्रयागराज परिक्षेत्र शैलेन्द्र मैत्रेय की रिपोर्ट में आरोपी पाए गए जेल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की। चित्रकूट के जिला कारागार के जेल अधीक्षक अशोक सागर पर गाज गिराते निलंबित कर दिया गया है। मामले की विभागीय जांच हेतु भी शासन को पत्र लिखा गया है। दरअसल जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को जेल के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है इसकी भनक डीएम और एसपी को लग चुकी थी। इसी के बाद जेल में कल छापा मारा था। जेल अधीक्षक के कार्यालय के बगल वाले कमरे में अब्बास अंसारी और निकहत अंसारी पाई गई।

बैठाई गई विभागीय जांच

चित्रकूट के जिला जेल में निरुद्ध अब्बास अंसारी को प्रदेश के किसी अन्य जेल में स्थानातंरण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मामले में सरकार की तरफ से सख्त कार्रवाई करते हुए जेलर संतोष कुमार और डिप्टी जेलर पीयूष पांडे को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं मामले में अन्य अधिकारियों को प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए 5 जेल वार्डर रैंक के कर्मचारियों के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की गई है।

अधिकारियों का स्थानातंरण

जिला जेल उन्नाव के जेलर राजीव कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से जिला जेल चित्रकूट भेज दिया गया है। डिप्टी जेलर देव दर्शन सिंह को जिला कारागार लखनऊ से चित्रकूट भेजा गया है।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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