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विंध्य काॅरिडोरः भव्यता का पर्याय बनेगा आस्था की विरासत, मकर संक्रांति से कर सकेंगे परिक्रमा

मीरजापुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वप्न पूरी तीव्रता से साकार हो रहा है। 331 करोड़ रुपये की लागत से विंध्यधाम का विकास होने से न केवल श्रद्धालुओं की राह आसान होगी, बल्कि आस्था की यह विरासत भव्यता का पर्याय बनकर तैयार होने को है। गत वर्ष शारदीय नवरात्र में विंध्यधाम आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह माह के अंदर विंध्य कारिडोर का निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया था। वहीं कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम का दावा है कि मकर संक्रांति पर विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा पथ बनकर तैयार हो जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मकर संक्रांति पर मुख्यमंत्री आस्था का गलियारा श्रद्धालुओं को समर्पित कर सकते हैं। आंग्ल नववर्ष के स्वागत में जगविख्यात मां विंध्यवासिनी के आंगन में न सिर्फ श्रद्धा, विश्वास व आस्था का अद्भुत समागम दिखा बल्कि मां विंध्यवासिनी के प्रति आस्था का शिखर परिलक्षित हुआ।

नववर्ष के पहले दिन विंध्यधाम में फूलते सरसों की तरह आंखों में लहलहाती श्रद्धा की खेती दिल को रिझा रही थी। बस एक ही साध मुखर हो रही थी कि 2023 में सुख-समृद्धि और सामर्थ्य की श्रेष्ठतम सौगात मिले। आस्था का अदम्य प्रवाह ऐसा था कि लाख कोशिश के बावजूद दर्शनार्थियों की भीड़ एकत्र हो रही थी। विंध्य काॅरिडोर निर्माण के साथ भक्तों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। काॅरिडोर निर्माण के बाद मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं का आगमन अपेक्षित है। विंध्य काॅरिडोर निर्माण के लिए नामित राजकीय निर्माण निगम के सहायक अभियंता राजकुमार पांडेय ने बताया कि विंध्यधाम का विकास कार्य प्रगति पर है। दिसंबर 2023 तक विंध्यधाम का विकास कार्य पूर्ण करना हमारा लक्ष्य है। मकर संक्रांति तक परिक्रमा पथ बनकर तैयार हो जाएगा। संभवतः आगामी चैत्र नवरात्र तक विंध्यवासिनी मंदिर के सभी प्रमुख मार्ग भी सुंदरता बिखेरेंगे।

परिक्रमा पथ का 20 प्रतिशत काम शेष
कोई संदेह नहीं कि 2023 तक विंध्यधाम का चतुर्दिक विकास होगा। निर्माण प्रगति भी परिणामदायक है। विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ जो भव्य-दिव्य परिक्रमा पथ निर्माणाधीन है, उसका 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। अब सिर्फ फिनिशिंग व प्रथम तल यानी 20 प्रतिशत काम शेष है, जो मकर संक्रांति तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

भूमि मिलते ही बनना शुरू होगा वीआइपी गेस्ट हाउस
परिक्रमा पथ पर 20 प्रतिशत भूमि पर वीआइपी गेस्ट हाउस बनना है। अभी भूमि न मिलने से काम रुका हुआ है। भूमि अधिग्रहण का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। भूमि मिलते ही कार्य प्रारंभ होगा।

आकर्षक स्ट्रीट लाइट से जगमगाएंगे प्रमुख मार्ग
विंध्यवासिनी मंदिर के प्रमुख मार्ग कोतवाली गली, न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी, पक्का घाट मार्ग पर आकर्षक विद्युत पोल लगाए जाएंगे। वहीं पक्का घाट मार्ग पर प्लांटेशन बनेगा, जहां हरे-भरे पौधे हरियाली लाएंगे।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार के भी अवसर
भव्य-दिव्य आस्था का गलियारा आगामी चैत्र नवरात्र पर मां विंध्यवासिनी की महिमा का अहसास कराएगा। विंध्यधाम का विकास होने से आस्था की डगर पर श्रद्धालुओं की राह आसान होगी ही, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

रोप-वे के साथ पर्यटन को मिलेगी उड़ान
विंध्य पर्वत पर बना पूर्वांचल का पहला रोप-वे 260 फीट की ऊंचाई से विंध्य-गंगा के साथ प्राकृतिक सौंदर्य से श्रद्धालुओं को नजदीक से मिलाएगा और धार्मिक यात्रा का अहसास कराया। विंध्य काॅरिडोर का निर्माण होने से रोप-वे के साथ पर्यटन को भी उड़ान मिलेगी।

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चार प्रमुख प्रवेश मार्ग
कोतवाली रोड से मंदिर मार्ग- कोतवाली मार्ग मुख्य बाजार भी है। इसे सदर बाजार के नाम से जाना जाता है। इस सड़क का चौड़ीकरण कर दिया गया है।
न्यू वीआइपी से मंदिर मार्ग- यह छोटा रास्ता है मंदिर तक जाने के लिए। इस रास्ते पर गुलाबी पत्थरों को बिछा दिया गया है।
पुरानी वीआइपी से मंदिर मार्ग- इस मार्ग से ज्यादातर वीआइपी ही आते हैं मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए, इसलिए इस रास्ते को रिजर्व रखा जाता है। यहां भी गुलाबी पत्थर बिछा दिया गया है।
पक्का घाट से मंदिर मार्ग- गंगा घाट पर स्नान-ध्यान करने के बाद पक्का घाट मार्ग से सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं दर्शन-पूजन करने।

कुछ ऐसा होगा मंदिर
दो मंजिला 50 फीट का परिक्रमा पथ
तीन दरवाजों की मंदिर की चौखट
मंदिर के चार प्रमुख प्रवेश द्वार सिंह द्वार
प्लांटेशन व आकर्षक विद्युत पोल।

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