Khunti: अधिकारियों की अनदेखी से परेशान ग्रामीणों ने खुद बना डाली सड़क

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खूंटी (Khunti) : डोड़मा-सिसई रोड पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ध्वस्त हुए जर्जर पुल के पुनर्निर्माण की मांग करने के बाद भी जब सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों की बातें नहीं सुनी, तो चार गांवों के लोगों ने खुद ही सूखी छाता नदी में श्रमदान कर कच्ची सड़क के निर्माण का संकल्प लिया। चार गांवों कुदरी, अंबा टोली, गुटूटोली और बाला गांव के सैकड़ों लोगों ने बुधवार को सुबह से शाम तक श्रमदान कर सड़क का निर्माण कर दिया।

इस संबंध में तोरपा प्रखंड प्रमुख संतोष कुमार कर ने कहा कि छाता नदी का जर्जर पुल टूटने के बाद दो बरसात बीत गयी, लेकिन सड़क नहीं बन पायी। इसके कारण इस सड़क पर वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया है। यात्री बसों और यहां तक कि दोपहिया वाहनों को भी कर्रा या तोरपा होकर जिला मुख्यालय जाना पड़ा। इससे सैकड़ों गांवों के लोगों खासकर छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब नदी में कच्ची सड़क बनने से वाहनों की आवाजाही में सुविधा होगी।

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सड़क निर्माण में योगदान देने वालों में कुदरी ग्राम सभा के अध्यक्ष लकेश धान, उपाध्यक्ष मोहन महतो, विकास महतो, रिजु महतो, जॉर्ज होरो, क्लेमेंट होरो, जोहन भेंगरा, सुनील भेंगरा, गोला तिर्की समेत कई ग्रामीण शामिल थे।

एक सप्ताह में शुरू होगा नये पुल का निर्माण कार्य : कोचे मुंडा

डोड़मा-सिसई पथ पर ध्वस्त पुल की जगह नये पुल का निर्माण कार्य एक सप्ताह के अंदर शुरू हो जायेगा. तोरपा विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि 11 करोड़ रुपये की प्राक्कलित राशि से बनने वाले पुल के निर्माण कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है और जल्द ही काम शुरू हो जायेगा।

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