विदिशाः मध्य प्रदेश के विदिशा शहर के एक और मदरसे (Madrasa) में बच्चों के दाखिले में फर्जीवाड़ा सामने आया है। बैस दरवाजा स्थित बरकतउल्लाह मदरसा में कुल 41 बच्चों में 27 बच्चे हिंदू हैं। इनमें 11आदिवासी बच्चों का फर्जी दाखिला किया गया है। सोमवार को यह मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जीपी राठी ने जांच कराने की बात कही है।
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मदरसे (Madrasa) में प्रवेशित बताए गए रायपुरा बस्ती के 11आदिवासी बच्चों के पालकों का कहना है कि उनके बच्चे कभी मदरसे में गए ही नहीं हैं। बस्ती के एक छात्र अजय का नाम इस मदरसे में कक्षा आठवीं में दर्ज है, जबकि यह छात्र सरकारी स्कूल में कक्षा सातवीं में पढ़ रहा है। बच्चे के पिता शंकर आदिवासी का कहना था कि मदरसे में उनके बच्चे के नाम पर छात्रवृत्ति जारी होने की बात कही जा रही है, जबकि उन्हें एक भी बार छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है। मदरसे में दो छात्र ऐसे पाए गए हैं, जिनकी शादी हो चुकी है, लेकिन वे कक्षा आठवीं में दर्ज में है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इस मामले की शिकायत करने वाले सफल शिक्षा सेवा समिति के अध्यक्ष मनोज कौशल का कहना है कि मदरसा संचालक ने बच्चों को फर्जी प्रवेश दिलाकर सरकार से मिलने वाले मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति, गणवेश की राशि में गोलमाल किया है। मदरसे में वर्ष 2016 से 2022 तक 11 बच्चों का प्रवेश फर्जी तरीके से दिखाया गया।। इस दौरान दर्ज बच्चों ने न तो कभी परीक्षा दी और न ही उन्हें दर्शायी गई कक्षा के अनुसार पढ़ना-लिखना आता है।
वहीं मदरसा (Madrasa) संचालक मंजीत कपूर का कहना है कि वह पिछले 21 वर्षों से मदरसा संचालित कर रही हैं। उन्होंने वर्ष 2017 से 2021 तक मदरसा संचालन का जिम्मा शिक्षक सुरेश आर्य को दिया था। उक्त 11 बच्चों के प्रवेश उन्हीं के द्वारा किए गए थे। इस वर्ष जब उन्होंने मदरसे का संचालन अपने हाथ में लिया तो उन्हें इन बच्चों की जानकारी मिली।। उन्होंने सभी 11 बच्चों के घर जाकर बच्चों को मदरसा भेजने का आग्रह किया, लेकिन उनके पालकों ने नहीं भेजा। मंजीत का कहना है कि आर्य ने इसके पहले भी करीब 20 बच्चों के प्रवेश भी कागजों पर ही कर दिए थे। उन्होंने इन नामों को अपने यहां से हटवा दिया था। 11 बच्चों के नाम भी जल्दी ही मदरसा से हटा देंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी जीपी राठी का कहना है कि यह मामला सोमवार को ही हमारी जानकारी में आया है। इसकी जांच कराकर दोषियों पर उचित कार्रवाई करेंगे। वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि मध्य प्रदेश के मदरसों में बड़ी संख्या में गैर मुस्लिम बच्चे पढ़ रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के भौतिक सत्यापन के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 30 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
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