नई दिल्लीः कोरोना महामारी जैसी विषम परिस्थितियों में भी भारत ने अपने पड़ोसी देशों की मदद की, भारत ने उस समय पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान की और कंबोडिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, लाओस को वैक्सीन दान कर मानवता की रक्षा की। यह बात देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कंबोडिया में कही। उपराष्ट्रपति नोम पेन्ह में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर मौजूद रहे।
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ज्ञात रहे कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को आसियान-भारत स्मारक शिखर सख्म्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर कंबोडिया शुक्रवार को पहुंचे हैं। यहां पहुंचने पर कंबोडिया के डाक एवं दूरसंचार मंत्री सी. वांदेथ ने उनकी अगवानी की। इस अवसर पर धनखड़ ने कहा कि दोनों देश सदियों पुरानी सभ्यता से जुड़े हैं।
उपराष्ट्रपति शुक्रवार को कंबोडिया की राजधानी पहुंचे भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया। धनखड़ ने कहा कि दोनों देश समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को साझा करते हैं और सदियों पुरानी सभ्यता से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत में अवसरों से भरा हुआ है। हमारा देश “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” के मंत्र पर चलकर आर्थिक विकास के पथ पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कंबोडिया की राजधानी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी के साथ यहां आकर बेहद खुशी हुई। वास्तव में भारत और कंबोडिया राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने का यह एक विशेष अवसर है। यह वर्ष भारत-आसियान मैत्री वर्ष के साथ भारत-आसियान संबंधों की 30वीं वर्षगांठ भी है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते भारत के कदमों को लेकर धनखड़ ने कहा कि भारत ने आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का मील का पत्थर हासिल कर लिया है।
गौरतलब है कि वे शनिवार को नोम पेन्ह में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद 13 नवंबर को वे 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसमें आसियान के 10 सदस्य देश ब्रूनेई दारुसलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमा, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपीन और वियतनाम शामिल हैं। इसके अलावा इस शिखर सम्मेलन में आठ संवाद साझेदार भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस भी शामिल होंगे। इस साल आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है।
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