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संदेशखाली मामलाः विहिप ने की पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने संदेशखाली (Sandeshkhali) मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। विहिप के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने बुधवार को कहा कि संदेशखाली की बर्बरता और राज्य सरकार द्वारा उसे दिए गए समर्थन और संरक्षण से यह स्पष्ट हो गया है कि अब वहां संविधान का नहीं बल्कि अराजकता और बर्बरता का राज है। इसलिए पीड़ितों को न्याय दिलाने और अराजकता पर अंकुश लगाने के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

जांच अधिकारियों संग अभद्रता

गौरतलब है कि 4-5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम पीडीएस घोटाले की जांच के लिए 24 परगना के संदेशखाली गांव स्थित शेख शाहजहां के घर गई थी। जांच के दौरान सत्ता पक्ष के सैकड़ों लोग वहां जमा हो गये, नारेबाजी की, ईडी की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गयी। जांच अधिकारियों का सामान छीन लिया गया और उनमें से तीन इतने गंभीर रूप से घायल हो गए कि उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

भयावाह स्थिति

विहिप कार्यकारी अध्यक्ष के मुताबिक यह देश की सत्ता के लिए चुनौती थी। इस पर वहां के राज्यपाल और न्याय व्यवस्था ने भी चिंता जताई है। जब इस विषय पर आगे जांच की गई तो बेहद दिल दहला देने वाले तथ्य सामने आए। यह बात सामने आई कि संदेशखाली में पुलिस या सरकार का नहीं बल्कि शेख शाहजहां का राज है। वह लोगों की जमीनों पर जबरन कब्जा कर लेता है और उनके पास इससे निकलने का कोई रास्ता नहीं है।' इस मामले की जांच महिला आयोग और उसकी अध्यक्ष ने खुद की है। इस विषय पर वहां के हाई कोर्ट ने भी जांच की और जांच के बाद यह बात सामने आई कि शाहजहां और उसके समर्थकों को वहां की महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार करने की खुली छूट थी। स्थिति इतनी भयावह थी कि पीड़ितों की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। स्थिति ऐसी हो गई थी कि अगर उन्हें कोई लड़की पसंद आ जाती थी, तो वे लड़की के परिवार को संदेश भेजकर उसे पार्टी कार्यालय तक छोड़ने के लिए कहते थे। दहशत से त्रस्त परिवार अपनी बेटी को वहीं छोड़ देता था और अगला संदेश मिलने पर उसे वापस ले आता था। यह भी पढ़ेंः-उन्नाव में हुआ राहुल गांधी की यात्रा का भव्य स्वागत, शिक्षक नेता ने की मुलाकात उन्होंने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें महिलाओं के यौन शोषण से संबंधित 18 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से दो शिकायतें बलात्कार की हैं। विहिप नेता ने कहा कि अब समय आ गया है कि ममता बनर्जी को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या वहां कानून का शासन चल रहा है। क्या वहां की सरकार संविधान के मुताबिक राज्य चलाने में सक्षम है? आरोप इतने गंभीर हैं कि अब इस पर विचार करने का समय आ गया है कि क्या बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)