बांग्लादेश में हिंदू मानबिंदुओं पर हमले के विरोध में विहिप ने किया प्रदर्शन, की ये मांग

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असमः बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों और इस्कॉन समेत कई मंदिरों पर हुए हमले के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को बराक घाटी के कछार, करीमगंज और हैलाकांदी में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनके आस्था स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदुओं की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ और कई अन्य जिलों में छह हिंदुओं की हत्या करने, मठ-मंदिरों पर हमले के विरोध में कछार जिला मुख्यालय शहर सिलचर, करीमगंज और हैलाकांदी जिला मुख्यालय में आज प्रदर्शन किया। विहिप कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च का भी आयोजन किया। आज श्रीभूमि (करीमगंज जिले) में विहिप के नेतृत्व में करीमगंज शहर के एओसी प्वाइंट से विरोध मार्च निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत देश के कट्टरपंथियों के खिलाफ भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके में जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी की आवाज पड़ोसी देश बांग्लादेश के लोगों ने भी सुनी होंगी।

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए हिंसक घटनाओं में शामिल लोगों को फांसी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर भारत के हिंदू बांग्लादेश के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शनकारियों ने भारत में सभी तरह के बांग्लादेशी वस्तुओं के बहिष्कार के साथ ही देश के साथ आयात-निर्यात बंद करने की भी मांग की है।

करीमगंज जिले में विरोध मार्च एओसी प्वाइंट और स्टेशन रोड, ब्रिज रोड, कालीबाड़ी रोड से होकर बांग्लादेश सीमा पर कुसियारा नदी के विसर्जन घाट तक गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल और भाजपा के करीमगंज जिले के पदाधिकारियों के साथ ही अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

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हैलाकांदी शहर के आदि कालीबाड़ी मंदिर परिसर से विरोध मार्च शुरू हुआ। जुलूस शहर के मुख्य सड़क से होते हुए स्थानीय नेताजी चौक पर पहुंचकर समाप्त हुआ। बाद में प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित किया। असम सरकार के पूर्व मंत्री गौतम राय भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

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