नई दिल्लीः वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान एक कमरे में शिवलिंग मिलने से स्वयं सिद्ध हो गया है कि वह मंदिर है। यह बात विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कही है। आलोक कुमार के अनुसार ज्ञानवापी मंदिर में सर्वे के दौरान एक कमरे में शिवलिंग मिला है और यह बहुत आनंद का समाचार है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग दोनों पक्षों और उनके वकीलों की उपस्थिति में मिला है। इसलिए शिवलिंग वाला स्थान मंदिर है। यह तथ्य स्वयं सिद्ध हो चुका है कि वहां मंदिर अब भी है और 1947 में भी था। उन्होंने आशा जताई है कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले इस साक्ष्य को समस्त देशवासी स्वीकार करेंगे और इसका आदर करेंगे।
आलोक कुमार को भरोसा है कि शिवलिंग मिलने के बाद इसकी जो स्वाभाविक परिणति है, देश उस तरफ आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने ज्ञानवापी के शिवलिंग वाले हिस्से को संरक्षित किया है। सील किया है। पुलिस अधिकारियों का दायित्व है कि वहां कोई छेड़छाड़ नहीं हो। उन्होंने भरोसा जताया कि यह विषय अपने परिणाम तक पहुंचेगा।
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विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मामला क्योंकि अभी न्यायालय में है, इसलिए अधिक टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। न्यायालय का निर्णय आने के बाद विहिप इसके बारे में आगे विचार करेगी और तभी तय किया जाएगा कि अगला कदम क्या उठाया जाएगा। हमने कहा था कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण तक हम न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे। अब बदली हुई परिस्थितियों में हम इस मामले को आगामी 11-12 जून को हरिद्वार में होने वाली अपने केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों के समक्ष निवेदित करेंगे।
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