वाहनों के पंजीयन प्रमाणपत्र में करेक्शन की समस्या से बनी मुसीबत

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vehicle registration certificate: बीएस-4 और बीएस-3 वाहनों में करेक्शन की समस्या से वाहन स्वामी परेशान हैं। वाहन स्वामियों के लिए पंजीयन प्रमाणपत्र में हुई गड़बड़ी को ठीक कराना भी बड़ी मुसीबत है। यह दिक्कत वाहन स्वामी को तब पता चलती है, जब वाहन का पॉल्यूशन व बीमा नहीं हो पाता है। तब वाहन स्वामी पंजीयन प्रमाणपत्र की गड़बड़ी ठीक कराने संभागीय परिवहन कार्यालय भागता है।

जानकारी के अनुसार, बीएस-3 व बीएस-4 वाहन के पंजीयन प्रमाणपत्र में कई प्रकार की त्रुटियां मिल रही हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय ट्रांसपोर्टनगर में दर्ज इस श्रेणी के वाहनों के पंजीयन प्रमाणपत्र यानी आरसी में सीएनजी की जगह एलपीजी, बीएस-4 की जगह बीएस-3, चेसिस व इंजन नंबर में गड़बड़ी समेत अन्य त्रुटियां मिल रही हैं। इसके अलावा वाहन पोर्टल पर इस श्रेणी के वाहनों का एलपीजी व सीएनजी का डाटा उड़ जाने की भी समस्या आती है। इस प्रकार की दिक्कतों को लेकर हर माह करीब डेढ़ दर्जन वाहन स्वामी कार्यालय पहुंच रहे हैं। आरटीओ कार्यालय में 2010 से 2019 के बीच दर्ज हुए इस श्रेणी के वाहनों में यह समस्या आ रही है।

टीपीनगर आरटीओ कार्यालय में एक माह में 10 हजार नंबरों वाली एक सीरीज खत्म हो जाती है यानी साल भर में एक लाख बीस हजार निजी वाहन पंजीकृत हो जाते हैं। ऐसे में 2010 से 2019 तक की अवधि में कार्यालय में करीब डेढ करोड़ वाहन दर्ज हुए हैं। इस अवधि में दर्ज हुए वाहनों में ही किसी न किसी प्रकार के करेक्शन की समस्या आ रही है। इस अवधि में दर्ज हुए वाहनों का डाटा परिवहन विभाग मुख्यालय की ओर से वाहन पोर्टल पर फीड कराया गया था। निजी एजेंसी को वाहन का डाटा फीड करने की जिम्मेदारी दी गई थी। निजी एजेंसी के कर्मियों द्वारा सही प्रकार से डाटा फीड न करने के चलते ही यह समस्या आ रही है। जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है। इसके चलते वाहन स्वामी परेशान हो रहे हैं। पंजीयन प्रमाणपत्र में किसी प्रकार का करेक्शन बगैर मूल फाइल के नहीं होता है।

ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय में कई बार बारिश का पानी रिकॉर्ड रूम तक पहुंच चुका है। इसके चलते बहुत सारी सीरीज की मूल फाइलें पानी में डूबने से खराब हो चुकी हैं। इससे बहुत सारे रिकॉर्ड भी नष्ट हो चुके हैं। मूल फाइलें न मिलने पर पंजीयन प्रमाणपत्र में करेक्शन हो पाना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते वाहन स्वामी परेशान होते हैं। वाहन का बीमा व पॉल्यूशन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

एनआईसी ठीक कर सकता है वर्षवार डाटा

वर्ष 2010 से 2019 के बीच दर्ज वाहनों का डाटा वाहन पोर्टल पर दर्ज है। एनआईसी चाहे तो वर्षवार दर्ज वाहनों का डाटा ठीक कर सकता है। इसकी वजह यह है कि किसी भी प्रकार के करेक्शन को ठीक करने के लिए मूल फाइल में लगाए गए 21 व 22 नंबर फार्म को अपलोड करना होता है। जिन वाहनों का रिकॉर्ड नष्ट हो गया है, उनका 21 व 22 नंबर फार्म उपलब्ध होना बड़ी समस्या है। ऐसे वाहन स्वामी मूल फाइल न मिलने से परेशानी झेलते हैं। हालांकि, इसके लिए परिवहन विभाग के अफसरों को भी दिलचस्पी दिखानी पड़ेगी। अफसरों को इसके लिए एनआईसी से डाटा ठीक कराने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।

करेक्शन के लिए परेशान होते हैं वाहन स्वामी

बीएस-4 व बीएस-3 श्रेणी के वाहनों की आरसी में किसी प्रकार की त्रुटि को ठीक कराना भी आसान काम नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसकी व्यवस्था सेंट्रलाइज नहीं है। केंद्रीयकृत व्यवस्था न होने के चलते वाहन स्वामी परेशान होते हैं। खासकर उन वाहन स्वामियों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है, जो दूर-दराज के जनपद के निवासी हैं और जिन्होंने अपना वाहन अन्य कहीं से खरीद रखा है। आरसी में करेक्शन और इसके लिए पत्र बनाने का काम आरटीओ कार्यालय से होता है। वहीं अप्रूवल परिवहन विभाग मुख्यालय से होता है।

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