धमतरी: महानदी किनारे में बसे गांवों के लोग पहले वृहद स्तर पर नदी पर सब्जी खेती कर जीवनयापन करते थे, लेकिन रेत माफियाओं ने महानदी की सूरत बिगाड़ दी है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, खेती के लायक मैदान नहीं है, ऐसे में दिनों-दिन यहां सब्जी खेती करने वाले उत्पादक घट रहे हैं। गिनती के परिवार ही अब यहां सब्जी खेती करते हैं।
दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह व जनवरी माह के प्रथम सप्ताह से महानदी किनारे सब्जी खेती के लिए तैयारियां शुरू हो जाती हैं, लेकिन इस साल अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इसका मुख्य कारण दिनोंदिन महानदी में सब्जी खेती करने वाले परिवारों की संख्या में कमी आना है। जब महानदी में रेत खदान नहीं चलता था, तो रेत पर क्यारी बनाकर ग्राम अछोटा, कोलियारी, अमेठी, कलारतराई, खरेंगा, दर्री, देवपुर समेत कई गांवों के ग्रामीण यहां वृहद स्तर पर सब्जी खेती करते थे। रेत पर ककड़ी, कद्दू, लौकी, करेला, भाजी समेत सभी प्रकार के सब्जियों की खेती करते थे, लेकिन अब कम होने लगा है। ग्राम पंचायत कोलियारी के ज्यादातर सोनकर परिवार यहां सब्जी खेती करते थे, लेकिन अब गिनती के परिवार ही करते हैं।
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मजदूरों को रोजगार नहीं –
ग्राम पंचायत कोलियारी के श्रीराम ध्रुव समेत आरती साहू, दयाराम, प्रहलाद राम ने बताया कि जब से महानदी में रेत खदान शुरू हुआ है, तब से जगह-जगह भारी गड्ढे हो चुके हैं। रेतीली मैदान समतल नहीं है, ऐसे कई कारणों के चलते अब यहां सब्जी उत्पादन कम होता है। रेत माफियाओं ने सब्जी उत्पादन करने वाले रेती जमीन बिगाड़ दी है, ऐसे में ज्यादातर सब्जी उत्पादकों की दिलचस्पी यहां सब्जी खेती से टूट चुके हैं, यही वजह है कि अब सब्जी खेती करने वाला नहीं है। वहीं गांव में बाजार की भी कमी होना समेत कई कारणों के चलते यहां सब्जी खेती दम तोड़ने लगा है। यही वजह है कि क्षेत्र के ग्रामीणों के सामने रोजगार की संकट है।
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