चेन्नई: तमिलनाडु की शक्तिशाली दलित राजनीतिक पार्टी विदुथलाई चिरुथईगल काची (वीसीके) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ मार्च निकालेगी। वीसीके के संस्थापक नेता और सांसद थोल थिरुमावलवन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक पारदर्शी सामाजिक संगठन है। पीएफआई के वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी और देशभर में इसके कार्यालयों पर की गई छापेमारी निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि पीएफआई पर की गई कार्रवाई के खिलाफ पार्टी विरोध मार्च निकालेगी। वीसीके नेता ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तब से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) समाज में गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए काम कर रही है।
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थोल थिरुवामावलवन ने कहा कि बेशक पीएफआई के अधिकांश नेता मुस्लिम है, लेकिन गैर-मुस्लिम भी संगठन के नेतृत्व में है। एनआईए और ईडी समेत केंद्रीय एजेंसियों ने पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर देशभर में छापेमारी की और संगठन के कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया।
पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम, महासचिव नसरुद्दीन एलाराम, विचारक प्रोफेसर पी. कोया, और संस्थापक नेता ई. अब्दुर्रहमान को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा, अन्य सर्मथकों ने भी अपनी गिरफ्तारियां दर्ज करवायी। गिरफ्तार लोगों को आगे की जांच के लिए नई दिल्ली ले जाया गया। तमिलनाडु में 11 केंद्रों पर छापेमारी की गई। कोयंबटूर से राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य ए.एम. इस्माइल सहित 12 पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
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