वाराणसीः जिले के रोहनिया थाना क्षेत्र अन्तर्गत दरेखू गांव में कोयले की अंगीठी जलाकर सोये एक ही परिवार के चार सदस्य गुरुवार को अपने कमरे में बेहोश मिले। यह देख पड़ोसियों और मकान मालिक ने उन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के पूर्व एक बच्चे की मौत हो गई। घटना से परिवार सदमें में है। मिली जानकारी के अनुसार दरेखू गांव के सोमारु सिंह के मकान में जौनपुर चंदवक निवासी ऑटो चालक राहुल (32), पत्नी रिंकी, पांच साल के पुत्र अनुज, दो साल के पुत्र डुग्गू के साथ रहता है।
बुधवार को ऑटो चलाकर घर लौटे राहुल ने खाना खाने के बाद कड़ाके की ठंड और गलन से राहत पाने के लिए कोयले की अंगीठी जलाई। कुछ देर आग तापने के बाद राहुल ने अंगीठी को कमरे में रख दिया और परिवार के सदस्यों के साथ सो गया। देर रात दम घुटने से चारों अचेत हो गये। सुबह उनके न उठने पर पड़ोसियों ने आवाज दी। कोई प्रतिक्रिया न देख मकान मालिक ने कमरे में देखा तो चारों अचेत अवस्था में थे, उन्हें कमरे से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में दो वर्षीय डुग्गू की मौत हो गई।
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घटना की जानकारी पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। मकान मालिक ने इसकी राहुल के परिजनों को भी दे दी है। उल्लेखनीय है कि एक जनवरी को भी काशी स्टेशन पर तैनात रेलकर्मी, उनकी गर्भवती पत्नी, ढ़ाई साल के बच्चे की भी अंगीठी के गैस से दम घुटने पर मौत हो गई थी। रेलकर्मी भी कमरे में अंगीठी जलाकर सोये थे।
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