नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ वर्चुअल माध्यम से होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अपने शुरुआती भाषण में उन्होंने कहा कि हमने अब तक लगभग 50 देशों को भारत में निर्मित वैक्सीन उपलब्ध कराई हैं और आने वाले दिनों में अन्य देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य के शुरुआत में कोविड-19 से स्वीडन में हुई जनहानि पर संवेदनाएं व्यक्त की और पिछले दिनों स्वीडन में हुई एक हिंसक घटना पर वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने हमले में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून का शासन, समानता, स्वतंत्रता, न्याय जैसे साझा मूल्य संबंधों और आपसी सहयोग को मजबूती देते हैं। जलवायु परिवर्तन का महत्वपूर्ण मुद्दा हम दोनों देशों के लिए एक प्राथमिकता है और इस पर भारत स्वीडन के साथ काम करना चाहता है।
उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में भारत अक्षय उर्जा क्षमता 162 प्रतिशत बढ़ी है। भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। एलईडी लाइट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से भारत ने 380 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया है।
वहीं स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ लोकतांत्रिक महाशक्ति हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्वीडन भी भारत के अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस में शामिल होगा। कोविड महामारी के बीच उन्होंने इससे निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान किया।
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विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और स्वीडन के बीच लोकतंत्र, स्वतंत्रता, बहुलवाद और नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के साझा मूल्यों पर आधारित मधुर व मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों का व्यापार-निवेश, नवाचार, विज्ञान-प्रौद्योगिकी के साथ-साथ अनुसंधान-विकास के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग है। स्वास्थ्य व जीवन विज्ञान, ऑटो उद्योग, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, रक्षा, भारी मशीनरी व उपकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 250 स्वीडिश कंपनियां सक्रिय रूप से भारत में काम कर रही हैं। स्वीडन में लगभग 75 भारतीय कंपनियां भी सक्रिय हैं।