Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 100 घंटे से ज्यादा समय से फंसे करीब 40 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद जारी हैं। बुधवार को युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। दिल्ली से भारी बरमा मशीन लाई गई। वायुसेना के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आये। इन मशीनों की मदद से प्रति घंटे 5 मीटर मलबा हटाया जा सकता है और स्टील पाइप को मलबे में भेदकर दूसरी तरफ पहुंचाया जा सकता है।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
वायु सेना के हरक्यूलिस विमान द्वारा तीन बैचों में लाई गई ऑगर मशीनों को चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारा गया। इस मशीन को ग्रीन कॉरिडोर के जरिये घटनास्थल तक ले जाया गया। वायुसेना का पहला हरक्यूलिस विमान नई दिल्ली के हिंडन एयरबेस से नई मशीन के पार्ट्स चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतरा, जिसके बाद मशीन के पार्ट्स को ट्रक के जरिए सिल्क्यारा टनल तक पहुंचाया गया। ये भी पढ़ें..उत्तरी सिक्किम से कनेक्टिविटी बहाल, बीआरओ ने सेना के साथ मिलकर बनाया पुलराहत एवं बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन काफी उन्नत है, जो काफी तेजी से काम करेगी। अब सैन्य ऑपरेशन टीम भी राहत और बचाव अभियान में शामिल हो गई है। इसके साथ ही वायुसेना और थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है।#WATCH | Uttarakhand | Uttarkashi Tunnel accident: Early morning visuals from Silkyara Tunnel where rescue and relief operations are underway to rescue 40 trapped labourers. pic.twitter.com/nweXfTsy1O
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023