लखनऊ: पर्वतीय महापरिषद के उत्तरायणी मेले का शुभारम्भ 14 जनवरी को होगा। सबसे पहले महानगर स्थित श्री रामलीला मैदान से शोभा यात्रा निकाली जाएगी जिसमें गोमती नगर, तेलीबाग, कानपुर रोड, सरोजनी नगर व राजाजीपुरम् से आने वाली समाज की महिलाए और पुरूष पर्वतीय वेश-भूषा में एकत्रित होंगी। अल्मोड़ा से आए पूरन राम के प्रसिद्व छोलिया दल के कलाकरों का गायन व छोलिया नृत्य होगा। साथ ही नन्दा राजजात शोभायात्रा के पीछे-पीछे विशाल जन समूह मेला पं. गोविंद वल्लभ पंत सांस्कृतिक उपवन स्थल की ओर प्रस्थान करेगा। मेला वहीं होगा। उत्तरायणी मेले का उद्धाटन 2 बजे मेला स्थल पर होगा। यह जानकारी आयोजक समिति पर्वतीय महापरिषद की ओर से आज यानि शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता मे दी गई।
महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी ने वार्ता में बताया कि उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के अनेक मंत्रीगणों, सांसदों, विधायकगणों व प्रशासनिक अधिकारियों को मेले में आमंत्रित किया गया है। महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेले में उत्तराखण्ड सहित अन्य प्रदेशों स सांस्कृतिक दल भी आएगे। मेले में महिलाओं की मटकी फोड, रस्सा-कसी, मेहन्दी प्रतियोगिता, बच्चों की चित्रकला सहित अन्य प्रतियोगिताएं भी होंगी। मेले में पुरस्कार भी दिया जाएगा।
बताया गया कि इसके अलावा मेले में गहत की दाल, पहाड़ी भट, बाल मिठाई, चुटुक (पहाड़ी कालीन) व औषधीय जड़ी-बूटीयों के स्टॉल सज चुके है। भव्य पाण्डाल एंव स्टेज बनकर तैयार हो गया है। मक्रर संक्रान्ति पर लगभग 500 कलाकारों व कार्यकर्ताओं को खिचड़ी भोज के साथ पर्वतीय पकवान भी खिलाएं जाएंगे।
प्रेसवार्ता में प्रो. आर.सी. पन्त, एन.के. उपाध्याय, पूर्व राज्यमंत्री नन्दन सिंह बोरा, ज्ञान पन्त, गोविन्द पाठक, सुमन रावत, के.एन. पाठक, के.एस. रावत, एम.एस. मेहता ,हरीश कांडपाल, शंकर पाण्डेय, गोविन्द बोरा, रवीन्द्र बिष्ट, गोपाल गैलाकोटी, भुवन जहांवासी उपस्थित रहे।