Monday, November 25, 2024
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Homeउत्तराखंड70 साल बाद पहली बार उत्तराखंड में मिथक टूटने की संभावना

70 साल बाद पहली बार उत्तराखंड में मिथक टूटने की संभावना

देहरादूनः इस बार भारतीय जनता पार्टी के सत्ता परिवर्तन का मिथक तोड़ने की संभावना है। इसका प्रमाण भारतीय जनता पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकें हैं जो इस बात का संकेत दे रही हैं कि उत्तराखंड में पुनः भाजपा की सरकार वापस आ रही है। राजधानी देहरादून के पेसिफिक होटल में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना को लेकर भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक हुई है। इसमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी समेत तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित हैं। राज्य में सरकार बनने का यह भी मिथक है कि गंगोत्री विधानसभा सीट जिसकी होती है उसकी ही सरकार बनती है। इस बार गंगोत्री विधानसभा सीट भाजपा के पाले में आने की संभावना है। यह मिथक 70 सालों से चला आ रहा है।

उत्तराखंड में इस बार गंगोत्री विधानसभा से भाजपा के सुरेश चौहान चुनाव मैदान में हैं, जिनकी क्षेत्र में बहुत अच्छी छवि है और भाजपा को उम्मीद है कि गंगोत्री सीट भाजपा को मिल रही है और राज्य में उसकी पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि राज्य गठन से पहले जयेंद्र सिंह बिष्ट 1952 में निर्दलीय और 1957 में कांग्रेस से विधायक बने। वर्ष 1958 में रामचंद्र उनियाल कांग्रेस से विधायक बने। कृष्ण सिंह 1962, 1967 और 1969 में कांग्रेस से विधायक बने। वर्ष 1977 में जनता पार्टी से बर्फिया लाल जुवांठा से विधायक बने और इन्हीं दलों की सरकार बनी। ठीक इसी प्रकार वर्ष 1980 और 1985 में कांग्रेस से बलदेव सिंह आर्य विधायक बने। वर्ष 1989 में बर्फिया लाल जुवांठा जनता पार्टी से विधायक बने। 1991 में ज्ञानचंद भाजपा विधायक बने और भाजपा की सरकार बनी जबकि 1993 में बलदेव सिंह आर्य समाजवादी पार्टी के विधायक बने और सपा की सरकार बनी। इसी प्रकार वर्ष 1996 में ज्ञानचंद भाजपा के विधायक बने और भाजपा की सरकार बनी। राज्य बनने के बाद से वर्ष 2002 में विजयपाल सजवाण कांग्रेस के विधायक बने और कांग्रेस की सरकार बनी।

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2007 में गोपाल सिंह रावत भाजपा के विधायक बने और भाजपा की सरकार बनी। एक बार फिर 2012 में विजयपाल सजवाण कांग्रेस के विधायक बने और कांग्रेस सत्ता में आई। वर्ष 2017 में पुनः गोपाल सिंह रावत भाजपा के विधायक बने और भाजपा सरकार में आई। इस बार फिर गंगोत्री में भाजपा विधायक के जीतने की पूरी संभावना है। यहां से सुरेश चौहान भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं और पार्टी की सरकार बनना तय माना जा रहा है। प्रदेश में जैसे ही मतदान की प्रक्रिया संपन्न हुई थी, उसके बाद से ही लगातार भाजपा में भितरघात की चर्चा थी, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा था कि उनकी सरकार पूर्ण बहुमत से आ रही है। दूसरी ओर भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट ने एक बयान देकर कहा था कि कांग्रेस के कई जिताऊ उम्मीदवार उनके सम्पर्क में हैं। यह भी इस बात का प्रमाण है कि भाजपा मिथक तोड़ने और सरकार बनाने जा रही है। भाजपा की इस बैठक पर सभी की पैनी नजर है।

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