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Kedarnath Ropeway: केदारनाथ में रोपवे को मिली मंजूरी, आठ घंटे की दूरी 30 मिनट में होगी पूरी होगी

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देहरादूनः केदारनाथ के लिए रोपवे का (Kedarnath Ropeway) रास्ता साफ हो गया है। इस परियोजना को राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। रोपवे बन जाने के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। प्रमुख सचिव वन एवं लोनिवि, आरके सुधांशु ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने केदारनाथ सेंक्च ुरी एरिया में रोपवे के निर्माण को स्वीकृति दे दी है। साथ ही केदारनाथ के पैदल ट्रैक व हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी बोर्ड ने हरी झंडी दिखा दी है।

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इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा। इस परियोजना में कुल 26 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। केदारनाथ के लिए रोपवे बन जाने के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ की यात्रा महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। रोपवे (Kedarnath Ropeway) की क्षमता प्रति घंटा पांच हजार यात्रियों को ले जाने की होगी। बता दें कि केदारनाथ रोपवे समुद्र तल से 11500 फीट, 3500 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे रोपवे में से एक होगा। तीर्थयात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम केवल 1 घंटे में रोप वे से पहुंचेंगे। जबकि वर्तमान में लगभग 8 से 12 घंटे का समय लगता है।

साथ ही राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने रामबाड़ा से गरुड़चट्टी तक साढ़े पांच किलोमीटर पैदल ट्रैक के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। यह मार्ग 2013 की आपदा में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके अलावा हेमकुंड साहिब रोपवे को भी हरी झंडी राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने सेंचुरी क्षेत्र नहीं होने के कारण हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी को जरूरी नहीं माना। ऐसे में अब इस परियोजना को भी हरी झंडी मिल गई है।

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