उत्तराखंडः खराब मौसम के चलते खाली हाथ लौटे हेलीकाॅप्टर, अपनों को खो चुके लोगों को मिली निराशा

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उत्तरकाशीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रोपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी ग्लेशियर में हुए हिमस्खलन में मारे गए अपनों की तलाश में कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल और अन्य राज्यों से आए परिजन उनकी एक झलक पाने को दिन भर परेशान रहे। पूरे दिन इंतजार के बाद उन्हें मायूसी हाथ लगी क्योंकि खराब मौसम के कारण हेलीकाॅप्टर घटनास्थल के बेस कैंप पर नहीं उतर सका, जिससे शव नहीं आ सके। हालांकि जिला प्रशासन और निम अधिकारियों ने उन्हें शवों के आने की बात कही थी।

गुरुवार को आईटीबीपी मातली हेलीपैड पर हिमाचल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों से अपनों के शवों की पहचान और उन्हें लेने आये परिजन दिनभर हेलीपैड पर रोते हुए अपनों के शवों का इंतजार करते रहे। आर्मी के हेलीकॉप्टर ने मातली हेलीपैड से दो बार उड़ान भरी लेकिन वह खाली हाथ वापस लौट आया। इसकी वजह द्रोपदी का डांडा डकरानी बेस कैम्प में मौसम की खराबी बताई गई है। इस कारण आर्मी का हेलीकॉप्टर वहां पर लैंडिंग नहीं कर पाया। यही नहीं उच्च हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी भी शुरू हो गई है। इस घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है।

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उन्होंने जिला प्रशासन और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान हम लोगों को सटीक जानकारी नहीं दे रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान हमसे कह रहा था कि आपके परिजनों के शव आ गए हैं। आप मातली हेलीपैड जाओ। हम यहां पर दिन भर इंतजार करते रहे लेकिन बेस कैंप से यहां पर शव नही आ सके। गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रोपदी के डांडा-2 पर्वत चोटी ग्लेशियर में बीते मंगलवार को हुए हिमस्खलन में 29 पर्वतारोही-प्रशिक्षणार्थी और अन्य लोग क्रेवास (बर्फ की खाई) में दब गए थे।

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