देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को युवाओं को भर्ती में आयुसीमा में एक साल की छूट देने के साथ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को भवन बनाने सहित कुल नौ निर्णयों पर मुहर लगी। कैबिनेट की बैठक में कुल 11 प्रस्ताव आए। जिसमें दो प्रस्ताव निरस्त कर दिये गये। शासकीय प्रवक्ता और काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दी। सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यह दूसरी बैठक है। दोनों में युवाओं और रोजगार पर फोकस किया गया है। शासकीय प्रवक्ता उनियाल ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना के कारण कई जगह भर्ती परीक्षा नहीं होने को ध्यान में रखते हुए युवाओं को भर्ती आयु सीमा में एक साल छूट देने का फैसला किया गया है। यह छूट 30 जून 2022 तक लागू होगी। जो युवा पहले फार्म भर चुके हैं, उन्हीं अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग के मामले में मुख्यमंत्री को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। नैनीताल हाई कोर्ट में ट्रांसपोर्ट को लेकर मामला विचाराधीन है। इस पर परिवहन विभाग ने एक मुश्त सहायता का प्रस्ताव दिया था। कैबिनेट ने इसके लिए मुख्यमंत्री को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
शासकीय प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर, दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 501 पदों का सृजन होगा। श्रीनगर के सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल के लिए अलग से 44 पद सृजित किए गए हैं। श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिए 122, देहरादून के लिए 250 और हल्द्वानी के लिए 129 नए पदों का सृजन किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने देहरादून महायोजना जोनल प्लान 2025 में सरकारी विभागों को भवन निर्माण के साथ ही सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को भी कार्यालय बनाने की छूट दने पर निर्णय लिया है। कैम्पा की रिपोर्ट विधानमंडल के पटल पर रखने और वन निगम में स्केलर पद पर सीएजी की आपत्ति थी। इसमें विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट में उप समिति बनाई है।
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शासकीय प्रवक्ता के मुताबिक लखवाड़-ब्यासी योजना के लिए 14.50 एकड़ जमीन देने के निर्णय को वापस लिया गया है। यह जमीन रेशम विभाग के पास ही रहेगी। 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बार एसोसिएशन बागेश्वर को जमीन देने की घोषणा की थी। उसे मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी। प्रदेश में ऐसे दिव्यांग जिनकी चार हजार रुपये तक की आय है, उन्हें अंत्योदय में शामिल किया जाएगा। 15 हजार रुपये से कम आय वालों को भी प्राथमिक लाभ दिया जाएगा।