लखनऊः प्रदेश में कोरोना टीका लगाये जाने के क्रम में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने शुक्रवार को राजधानी के सिविल अस्पताल में जाकर वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। उन्हें भारत बायोटेक निर्मित कोवैक्सीन की डोज अस्पताल के मेडिकल स्टॉफ ने लगायी। खास बात है कि प्रदेश में बीते वर्ष 5 मार्च को ही कोरोना का पहला मामला आगरा में सामने आया था। इसके ठीक एक साल बाद स्वास्थ्य मंत्री को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। स्वास्थ्य मंत्री स्वयं बीते वर्ष कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
सिविल अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें टीका लगने के बाद किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो रही है। देश में कोरोना की वैक्सीन बनना हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है। स्वास्थ्य मंत्री को वैक्सीन की दूसरी डोज 4 अप्रैल को लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कोराना टीकाकरण को लेकर जो क्रम चल रहा है। उसके मुताबिक सभी लोग जरूर वैक्सीन लगवायें। इसके बाद जब सामान्य तौर पर लोगों के टीकाकरण का कार्यक्रम चलाया जायेगा, तो वह भी वैक्सीन की डोज जरूर लें।
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उन्होंने कहा कि जब आगरा में कोरोना का पहला मामला बीते वर्ष सामने आया था, तो हम सभी के सामने ये बड़ी चुनौती थी। पूरी दुनिया और देश इस वैश्विक महामारी से जूझ रहा था। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में टीम-11 के गठन के बाद से लेकर अब तक बेहद मजबूती और व्यवस्थित तरीके से काम किया जा रहा है। चिकित्सकों, मेडिकल स्टॉफ, अन्य कर्मचारियों की मेहनत से अन्तर्विभागीय समन्वय के जरिए हमने प्रदेश में कोरोना को नियंत्रित किया, जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी उत्तर प्रदेश के कार्यों की सराहना की। उन्होंने वैक्सीन को लेकर विरोध पर कहा कि पहले से ही कई बीमारियों का टीका लगाया जाता है। अब जब कोरोना का भी टीका आ गया है, तो इसमें विरोध जैसा क्या है? प्रदेश में बेहद सुव्यवस्थित तरीके से सरकार टीकाकरण कार्यक्रम को संचालित कर रही है।