लखनऊः उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राज्य भर के प्रमुख स्थलों को जोड़ने के लिए हेलीकॉप्टर टैक्सी सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। यह सेवा इस साल दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। महामारी के मद्देनजर जब लोग भीड़-भाड़ वाली बसों और ट्रेनों में यात्रा करने से बचना पसंद करते हैं। पर्यटन अधिकारियों को लगता है कि हेलीकॉप्टर टैक्सी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम के अनुसार आगरा में जहां हेलीपोर्ट बनकर तैयार हैं, वहीं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर हेलीपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। यह परियोजना निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित होगी और दो सप्ताह के भीतर एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पर्यटक, विशेष रूप से विदेशी, अच्छी कनेक्टिविटी के कारण ताजमहल देखने के लिए आगरा आते हैं, लेकिन वही पर्यटक खराब कनेक्टिविटी के कारण समान रूप से महत्वपूर्ण अन्य पर्यटन स्थलों को छोड़ देते हैं। हेलीकॉप्टर टैक्सी सेवा ऐसे पर्यटकों के लिए एक फायदा साबित होगी।
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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह सेवा सुनिश्चित करेगी कि पर्यटक गंतव्य तक पहुंचें और उसी दिन वापस लौट जाएं। मेश्राम ने कहा कि आगरा हवाई अड्डे के पास एक हेलीपोर्ट के अलावा, सरकार के पास पहले से ही विंध्याचल, प्रयागराज, लखनऊ और वाराणसी में एक हवाई अड्डा है। अधिकारियों के मुताबिक मथुरा और प्रयागराज में भी बुनियादी सुविधाओं के साथ आगरा जैसा हेलीपोर्ट भी बनाया जा रहा है। इसी तरह बोधगया और कुशीनगर में बौद्ध स्थलों के लिए पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर टैक्सी भी उपलब्ध होगी।
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