इस देश में शब्दकोश से ‘ॐ’ शब्द हटाने पर बवाल, चौतरफा हो रहा विरोध

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काठमांडूः नेपाल की डिक्शनरी से ‘ॐ’ शब्द हटाए जाने पर यहां हंगामा मचा हुआ है। सरकारी संस्था के इस फैसले का न सिर्फ चौतरफा विरोध हो रहा है, बल्कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस भी दायर किया गया है।

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान ने अपने द्वारा प्रकाशित आधिकारिक नेपाली शब्दकोश से ‘ॐ’ शब्द को हटाने का फैसला किया है, जिसे व्यापक राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कई राजनीतिक दल के नेताओं ने प्रज्ञा प्रतिष्ठान को चेतावनी देते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय समिति की बैठक में ही यह मुद्दा उठाया गया है। कांग्रेस नेता शंकर भंडारी ने सरकार से इस मामले में अपना पक्ष रखने की मांग की है।

वहीं, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता कमल थापा ने भी ‘ॐ’ शब्द हटाने को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ‘ॐ’ महज एक शब्द या ध्वनि नहीं है, बल्कि यह सनातन समाज की पहचान है। इसे हटाना धर्म पर हमला करने जैसा है। इसके अलावा अलग-अलग पार्टियों ने भी इसका विरोध किया है। नेपाल के गैर राजनीतिक छात्र संगठन प्रज्ञानिक विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सामने विरोध प्रदर्शन किया है। प्रतिष्ठान को एक ज्ञापन भी दिया गया है जिसमें अपने निर्णयों को तत्काल वापस लेने की मांग की गई है।

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इस फैसले को लेकर एक वकील ने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नेपाल बार काउंसिल से इस पर अपनी राय देने के लिए एमिकस क्यूरी भेजने का अनुरोध किया है। रिट दायर करने वाले वकील स्वागत नेपाल ने कहा कि अगली सुनवाई में न्याय मित्र के विचार सुनने के बाद निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।

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