नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के सदन में गुंडागर्दी और उनके वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्षदों को भड़काने का वीडियो सामने आया है। इसलिए दिल्ली नगर निगम को अविलंब भंग कर देना चाहिए।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि नगर निगम की पिछली दो बैठकों में 22 और 24 फरवरी को और उससे पहले हुई तीन सभाओं में आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों के आचरण में हुई हिंसा को देखकर दिल्ली की जनता स्तब्ध है. दिल्ली नगर निगम 1952 से बना है, लेकिन 6 दिसंबर, 2022 को दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने के बाद जो हो रहा है, वह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
सचदेवा ने कहा कि मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने जिस तरह से शुक्रवार की शाम को सदन में बार-बार झूठ बोला, खुद पर हमले के बारे में झूठी बातें कही, विशेषज्ञों द्वारा कराये गये स्थायी समिति के चुनाव के परिणामों को खारिज कर दिया और मनमाने तरीके से 27 फरवरी को स्थायी समिति का चुनाव स्थगित कर दिया। सदन को फिर से बुलाने की घोषणा, जो कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम की पूरी तरह अवहेलना है। उन्होंने मांग की कि महापौर मतगणना विशेषज्ञ की रिपोर्ट को स्वीकार कर स्थायी समिति के लिए भाजपा व आम आदमी पार्टी के 3-3 पार्षदों को विजेता घोषित करें, अन्यथा भाजपा विरोध करेगी।
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वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीजेपी के लिए न्यायपालिका का रास्ता भी खुला है। हमारे एक पार्षद शरद कपूर ने निगम चुनाव में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है और जरूरत पड़ने पर हम कोर्ट में नई याचिका दायर कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली दो बैठकों से जिस तरह मेयर की मनमानी सदन में की जा रही है। यह दिल्ली नगर निगम अधिनियम के खिलाफ है, अगर मेयर अगले 24 घंटे में भाजपा की मांग को नहीं मानते हैं, तो हम गृह मंत्रालय से मांग करेंगे कि दिल्ली नगर निगम को दिल्ली नगर निगम की धारा 490 के तहत तत्काल भंग किया जाए।
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